सेवादास महाराज ने किया सहजो सिटी-8 का लोकार्पण

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

चौमूं/ जयपुर (संस्कार सृजन) राधास्वामी सत्संग सहजो चौमूं ट्रस्ट डेरा बाबा मेघादास के तत्वावधान में आज उदयपुरिया , भोपावास में सहजो सिटी 8 आवासीय कॉलोनी का लोकार्पण संत सेवादास महाराज ने किया | सेवादास महाराज ने प्रवचनों में बताया कि यह मानव जन्म हमें बहुत ही परम सौभाग्य से मिला है, यह तन तुमने दुर्लभ पाया , कोटी जन्म जब भटका खाया ,अब या को बिरथा मत खोवो, चेतो छिन छिन भक्ति कमाओ | इसको हमें परमात्मा की भक्ति में अपना अमूल्य समय निकाल कर मनुष्य जन्म को सार्थक करना चाहिए | जिस प्रकार एक शराबी को धन प्राप्त होता है तो है उसका दुरुपयोग करता है, और यही धन किसी गुरुमुख को मिलता है तो वह परमात्मा के कार्यों में लगाकर अपने को सौभाग्यशाली महसूस करता है और उस परमात्मा का बहुत-बहुत धन्यवाद करता है जिसे शुभ अवसर मिला |

जिस प्रकार एक टिटहरी अपने अंडे खेतों में देती है तथा उसके लिए अपने आप को भी जोखिम में डाल देती है और उसके पास जाने वाले जी पर अपनी आवाज को बुलंद कर पर महात्मा को याद करती है कि मुझे दुष्ट आत्माओं से बचाओ, किसी मानव या जीव के सामने अपने अंडों की रखवाली के लिए अपने आप को पूर्णतय जोखिम में डाल देती है और यदि हम शुभचिंतक होकर उसके अंडों को उससे अच्छी महफूज जगह पर रखते हैं तो वह उन्हें त्याग देती है | उसकी सूरत एवं ध्यान उससे हट जाता है | 

जिस प्रकार एक राजकीय संस्थान को  सुचारू रूप से चलाने के लिए विभाग प्रमुख का एक कार्यालय होता है, इस प्रकार आध्यात्मिक क्षेत्र में हम जुड़ते हैं तो उसके लिए परमात्मा ने हमारे दोनों आंखों के बीच परमात्मा का कार्यालय बना रखा है जहां हम दस्तक देकर उसमें प्रवेश कर सकते हैं | यह संत महात्माओं के सत्संग के माध्यम से जाने का एक रास्ता है जो हमें उनकी ओर ले जाने का एक जरिया है | जब जीव के प्रारब्ध कर्मों का उदय होता है तो वह हमें उनकी ओर स्वत ही ले जाता है | जिस प्रकार प्रकृति के शांत वातावरण में हमें परमात्मा की ओर जाने की शुभ संकेत मिलते हैं,उसी प्रकार संत महात्माओं के शरण में जाने से सत्संग के माध्यम से ही झुकाव होता है | जीव पर अज्ञानता रूपी छाये अंधकार का आवरण दूर होता है तो सद्बुद्धि एवं प्रकाश की ओर मार्ग बनता है | धीरे-धीरे इसके विचारों में निर्मलता आती है और उसे केवल वही नजर आता है जो एक उत्तम जीव को होना चाहिए |

वर्तमान समय में हम हमारे स्वार्थ बुद्धि के प्रभाव में होकर हम ऐसे कर्म कर लेते हैं जिससे ना तो हम खुश रह सकते हैं और ना ही दूसरे की खुशी को देख सकते हैं | यह हमारी सोच पर निर्भर करता है इस संसार का नियम है जैसा बोवेगो वैसा ही काटोगे, यदि हम आम का बीज होते हैं तो हमें आम प्राप्त होंगे और बबुल का बीज लगाएंगे तो कांटे ही प्राप्त होंगे। सत्संग एक ऐसा जरिया है जो संत महात्माओं के सानिध्य में रहकर अपने जीवन को एक शांति एवं सकारात्मक विचारधारा की ओर ले जाता है | जब जीव संत महात्माओं की शरण में जाता है तो उसमें निहित काम क्रोध लोभ मोह अहंकार इर्षा का आवरण कहीं ज्यादा छाया हुआ रहता है जिसकी वजह से सही रास्ता नहीं मिलता और वह उनके प्रभाव में होकर हर कार्य में छोटी सोच रखता है और जैसे ही जीव को सत्संग मिलता है तो वह अपने आप में परिवर्तन महसूस करता है जो सील क्षमता संतोष दया और प्रेम के रूप में होकर उसकी आचार विचार एवं व्यवहार में एक अहम बदलाव आता है जो हमें इस व्यवस्था में हम जब ढल जाते हैं तो सबके प्रिय बन जाते हैं |

संत शरण में जब हम जाते हैं तो धीरे धीरे सत्संग एवं आध्यात्मिक विचारधारा का उदय होता है और हमें एक ऐसा पात्र बनाती है, जो मा लिक के लिए एक दया सर्वोत्तम उपहार है जीव को तारने के लिए वक्त गुरु की शरण में जाकर नाम दान की दीक्षा मिलती है और गुरुद्वारा बताए गए सूरत शब्द योग के माध्यम से भजन, सिमरन एवं ध्यान के द्वारा हम अपना लोक, परलोक दोनों सुधार सकते हैं | आज के समय की मांग के अनुरूप हम अपनी आवास को जितना साफ सुथरा रखते हैं तो हमें परम आनंद की अनुभूति होती है और हम मन को भी अनावश्यक विचारों से भरा रखते हैं तो हमारा मन मस्तिष्क व शरीर भी रूग्ण हो जाता है | हमें भक्ति कैसे करनी चाहिए यह कबीर सामने बहुत ही अच्छे ढंग से बताया गया है ,कबीर मन निर्मल भैया जैसे गंगा नीर, पीछे पीछे हरि फिरे कहत कबीर कबीर कहते कबीर कबीर और यह जीव जितना उत्तम विचारों का होगा उतनी ही आसपास प्रसन्नता एवं सौहार्द का वातावरण होगा | समय-समय पर मन और मकान की सफाई करते रहना चाहिए | जिससे अनावश्यक सांसारिक नकारात्मकता का घर नहीं बने | गुरुद्वारा दिए गए उपदेश की पालना करने से उसके सारे मार्ग खुल जाते हैं और यह है श्रद्धा एवं विश्वास का मार्ग है | 

राधास्वामी कोऑर्डिनेटर गुरु चरण सैनी ने बताया कि कार्यक्रम में कदम डूंगरी आश्रम की साध्वी सोनिया दीदी, पूर्व विधायक रामलाल शर्मा,महेंद्र चौधरी पार्षद, सैनी समाज चौमूं के अध्यक्ष हीरालाल सैनी सहित काफी जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में भाग लिया | सत्संग में हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसादी ग्रहण की | 


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1. हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदो की सेवा कर सकते हैं | 

2. पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

3. जीवन में आप इस धरती पर अपने नाम का एक पेड़ जरूर लगाएँ |

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