कौन बना पहला विश्व टेस्ट चैंपियन

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संस्कार न्यूज़ राम गोपाल सैनी

साउथैंप्टन (संस्कार न्यूज़) बात साल 2019 की है, वनडे विश्व कप का फाइनल था और न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन थे। इंग्लैंड के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में मुकाबला टाई हुआ। फिर पहला सुपर ओवर टाई हुआ। दूसरा सुपर ओवर भी बराबरी पर छूटा। इसके बाद अधिक बाउंड्री जड़ने के कारण मेजबान इंग्लैंड को विश्व कप विजेता घोषित कर दिया गया। इस नतीजे के बाद लगभग सभी ने माना कि दोनों टीमें ट्राफी की हकदार थीं और कहीं ना कहीं न्यूजीलैंड के साथ नाइंसाफी हुई।

शायद आइसीसी को भी अपनी गलती का अहसास हुआ और यही वजह है कि उसने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया कि पहली आइसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल ड्रा या टाई रहने पर दोनों टीमें संयुक्त विजेता बनेंगी। यह वही विलियमसन थे जो 2019 में विश्व कप ट्राफी गंवाने की कसक को दिल के किसी कोने में दबाए बैठे थे और अब जब उन्हें साउथैंप्टन में डब्ल्यूटीसी की गदा को चूमने का मौका मिला तो उन्होंने बारिश की बाधाओं से पार पाते हुए और भारतीय टीम को हर विभाग में पीछे छोड़ते हुए इस मौके को हाथों से जाने नहीं दिया। फाइनल के रिजर्व डे यानी सुरक्षित किए गए छठे दिन अपनी टीम की अगुआई करते हुए न्यूजीलैंड को पहला विश्व टेस्ट चैंपियन बना दिया।


एक समय न्यूजीलैंड का स्कोर दो विकेट पर 44 रन हो गया था और उसे जीत के लिए करीब 35 ओवर में 95 रन चाहिए थे। जिस तरह से अश्विन गेंदबाजी कर रहे थे उससे लग रहा था कि शायद भारत कुछ चमत्कार कर जाएगा, लेकिन कप्तान विलियमसन ने विराट के मंसूबों पर पानी फेरते हुए रोस टेलर के साथ मिलकर अपनी टीम को जीत दिलाई। विलियमसन ने 89 गेंदों पर आठ चौकों के साथ नाबाद 52 रन बनाए, जबकि टेलर ने 100 गेंदों पर छह चौकों के साथ नाबाद 47 रन की पारी खेली। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 96 रन की अटूट साझेदारी की और न्यूजीलैंड ने 45.5 ओवर में दो विकेट पर 140 रन बनाकर जीत हासिल की।

इससे पहले भारत की दूसरी पारी सुबह दो विकेट पर 64 रन से आगे खेलने उतरी और 170 रनों पर सिमट गई। न्यूजीलैंड की ओर से टिम साउथी ने 48 रन देकर चार विकेट झटके तो ट्रेंट बोल्ट ने 39 रन देकर तीन विकेट लिए। काइल जेमिसन ने दिन के छठे ओवर में कोहली (13)को और फिर अपने अगले ओवर में चेतेश्वर पुजारा (15) को चलता कर भारत को दोहरे झटके दिए। भोजनकाल से पहले बोल्ट ने अजिंक्य रहाणे (15) को भी चलता कर दिया। रिषभ पंत (41) ने कुछ उम्मीद जगाई, लेकिन उनके आउट होते ही भारतीय पारी को खत्म होने में देर नहीं लगी। 

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भारत की हार के बडे कारण

विराट कोहली

इस मैच में भारतीय कप्तान से एक बेहतर पारी की उम्मीद की जा रही थी लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहे। पहली पारी में भारतीय टीम 217 रन ही बना पाई जिसमें कोहली के बल्ले से 44 रन निकले थे। दूसरी पारी में जब टीम को एक बड़ा स्कोर बनाने की जरूरत थी कि वह महज 13 रन बनाकर आउट हो गए। कोहली एक तरफ जहां दोनों पारी में कुल मिलाकर 57 रन ही बना पाए वहीं दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के कप्तान ने पहली पारी में 49 रन बनाए तो दूसरी पारी में नाबाद 53 रन बनाकर टीम को जीत दिलाकर वापस लौटे।

चेतेश्वर पुजारा

इस मैच में भारत के मिडिल आर्डर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा से भी काफी उम्मीद की जा रही थी लेकिन उन्होंने हद से ज्यादा निराश किया। भारत के लिए अक्सर मुश्किल वक्त में मैदान पर टिकने वाले पुजारा इस मैच में दोनों पारी में नाकाम रहे। पहली पारी में इस बल्लेबाज ने 8 रन बनाए तो दूसरी पारी में 15 रन ही बना पाए।

जसप्रीत बुमराह

इस मैच में भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण में एक खिलाड़ी पर सबकी नजर थी। पूर्व दिग्गजों ने जिस जसप्रीत बुमराह को सबसे अहम कड़ी बताया था वह एक भी विकेट नहीं हासिल कर पाए। पहली पारी में इस गेंदबाज ने 26 ओवर में 57 रन दिए लेकिन विकेट नहीं ले पाए। दूसरी पारी में 10.4 ओवर गेंदबाजी के बाद 35 रन देकर भी उनके विकेट का खाना खाली ही रहा।



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