नाबार्ड ने सीकर को दी 5 करोड़ 15 लाख की राशि

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संस्कार न्यूज़ @ राम गोपाल सैनी / जयपाल सिंह  

सीकर (संस्कार न्यूज़) राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने राज्य सरकार को सीकर जिले मे पशु चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए 5 करोड़ 15 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी है। इस वित्तीय सहायता से सीकर जिले मे ग्यारह पशु चिकित्सा अस्पताल और आठ पशु चिकित्सा उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण किया जाएगा। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों मे पशु पालकों को अपने पशुओं के लिए बेहतर सरकारी पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हो सकें। इन अस्पताल और उप स्वास्थ्य केन्द्रों को बनाने के लिए 5 करोड़ 46 लाख रुपये की लागत आएगी। जिसमे 5 करोड़ 15 लाख रुपए की वित्तीय सहायता नाबार्ड ने दी है।

कुल लागत का 95 प्रतिशत नाबार्ड और 5 प्रतिशत राज्य सरकार देगी 

नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक (जिला विकास) एम एल मीना ने बताया कि नाबार्ड ने यह वित्तीय सहायता रुरल इनफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट फंड (आरआईडीएफ) से जारी की है। नाबार्ड द्वारा राज्य सरकारों को कृषि एवं सिंचाई, ग्रामीण सड़कों, सामाजिक सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थय, पेयजल सहित विभिन्न 37 लाभकारी गतिविधियों के लिए ग्रामीण विकास कार्यों मे सहयोग प्रदान करता है। मीना ने बताया कि रुरल इनफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट फंड के तहत कृषि और पशु चिकित्सा सेवाओं के विकास हेतु नाबार्ड द्वारा कुल परियोजना लागत की 95 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। जबकि शेष 5 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती हैं।

यहाँ निर्मित किए जाएंगे पशु चिकित्सा केन्द्र

सहायक महाप्रबंधक मीना ने बताया कि सीकर जिले मे ग्यारह पशु चिकित्सा अस्पतालों का निर्माण नयाबास, ढ़ाढण, भैरुपुरा, अभयपुरा, कुदाली, गुहाला नरसिंघपुरी, लामिया, जिलो, रायपुर पाटन, प्रितमपुरी और रैवासा ग्राम मे किया जाएगा। एक पशु चिकित्सा अस्पताल के निर्माण हेतु लागत 35 लाख 90 हज़ार रुपये आंकी गयी हैं । एम एल मीना ने आगे बताया कि जिले मे आठ पशु चिकिस्ता उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण करंगा छोटा, मर्दातु बड़ी, करड़का, गोरधनपुरा, गोकुल का बास, हरिपुरा, राजपुरा (नीम का थाना) और गढ़भोपजी ग्राम मे किया जाएगा। एक पशु चिकित्सा उप स्वास्थ्य केन्द्र की निर्माण लागत 18 लाख 90 हजार रुपये होगी।  सहायक महाप्रबंधक नाबार्ड एम एल मीना के अनुसार  इन अस्पतालों एवं उप स्वास्थय केन्द्रों के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों मे पशु पालकों को अपने पशुओं हेतु बेहतर स्वास्थ्य सेवाये मिल सकेगी। उन्होने बताया कि नाबार्ड द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों मे मानव एवं पशु स्वास्थ्य सेवाओं के विकास हेतु किए जा रहे । इस तरह के प्रयास संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी-2030) के अनुरूप है, ताकि सभी के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित किया जा सके।


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