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कविता हास्य व्यंग्य - वोटिया के बदले में बोटिया तूं खइल

जीवन  अनमोल है  ,  इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें  ! सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें ! संस्कार सृजन  @  राम गोपाल सैनी           वोटिया के बदले में बोटिया तूं खइल एक-एक हज़ारवा में तूं सबही बिकइल कइसे पूर करब भयल …

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