जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
जयपुर (संस्कार सृजन) महाविद्यालय में चल रहे सात दिवसीय NSS के विशेष शिविर के पांचवें दिन की शुरूआत एन.एस.एस. के लक्ष्य गीत से की गई ।स्वयं सेविकाओं ने पूरे उत्साह के साथ इस गीत को गाकर अपनी सेवा भाव और समर्पण को व्यक्त किया ।
प्रथम सत्र में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान लेखिका साहित्य संस्था की अध्यक्षा, डॉ. जयश्री शर्मा ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया और महिला सशक्तिकरण पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि नारी को न तो बेबस होना चाहिए, ना ही उदास, लाचार और कमजोर। उन्होंने नारी को भगवान की सर्वश्रेष्ठ कृति बताते हुए उसके आत्मबल और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर डॉ ख़ामोश मीणा ने भी स्वयंसेविकाओं को सामाजिक परिस्थितियों से बचाव करने और अपने माता-पिता पर विश्वास बनाए रखने का संदेश दिया, जिससे उनके जीवन के सफर में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र की समाप्ति पर NSS प्रभारी डॉ. अर्चना वर्मा ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
द्वितीय सत्र में NIMS की डॉ. अनुभा ने स्वयंसेविकाओं को स्त्री रोग विज्ञान (गायनेकोलॉजी)से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी ।उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य, मासिक धर्म स्वच्छता , प्रजनन स्वास्थ्य और विभिन्न स्त्री रोगों के बारे में जागरूक किया ।साथ ही , उन्होंने उचित देखभाल और रोकथाम के उपायों पर भी चर्चा की जिससे स्वयंसेविकाएं न केवल अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें बल्कि समाज में भी इस विषय पर जागरूकता फैला सकें ।यह सत्र ज्ञानवर्धक और उपयोगी जिसमें sam सेविकाओं ने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी प्राप्त किया ।यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने एवं स्वयंसेविकाओं को जागरूक करने में अत्यंत प्रभावी रहा।सत्र की समाप्ति पर डॉ .कनक शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया ।
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