जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
जयपुर (संस्कार सृजन) जयपुर संगीत महाविद्यालय द्वारा आयोजित सनातन संगम 2025 का आयोजन श्री राम भक्ति, भारतीय संस्कृति और हिंदुत्व की एकता का प्रतीक बनकर उभरा। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम श्री राम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें श्री राम लला की महिमा और उनकी स्थापना का उत्सव मनाया गया।
111 वाद्य यंत्रों की गूंज के साथ शास्त्रीय रागों पर आधारित संगीतमय सुंदरकांड पाठ ने भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। सुंदरकांड पाठ का गायन राम शर्मा द्वारा किया गया। 2100 आसनों पर एकसाथ सुंदरकांड पाठ, जिसने सामूहिक भक्ति और हिंदू एकता का संदेश दिया। 21,000 दीपों से महाआरती का आयोजन, जो भगवान श्री राम के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बना।
संत समाज का पावन आगमन :-
कार्यक्रम में भारत के विभिन्न तीर्थ स्थलों से आए संतों और महंतों ने अपनी उपस्थिति से इस आयोजन को धन्य किया। इनमें विशेष रूप से बालमुकुंदाचार्य महाराज, प्रकाश दास महाराज और वृंदावन से पधारे अन्य संत सम्मिलित रहे ।
राम शर्मा ने कहा कि श्री राम लला की महिमा का वर्णन करते हुए उनका जीवन और आदर्श सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सनातन धर्म की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम भी बना।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां :-
जयपुर संगीत महाविद्यालय एवं अन्य संस्थाओं के छात्रों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत, वाद्य यंत्रों, और भजनों की प्रस्तुति देकर माहौल को भक्ति और उमंग से भर दिया।
सनातन संगम 2025 ने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि हिंदू समाज की शक्ति उसकी एकता, उसकी परंपराओं और उसकी संस्कृति में निहित है। यह कार्यक्रम सनातन धर्म के प्रति अटूट आस्था और भक्ति का प्रतीक बनकर भविष्य में भी प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
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