जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
स्वागतम,स्वागतम,नववर्ष सुस्वागतम।
आइये स्वागतम,स्वागतम,स्वागत।।
आप के पधारने से भाई-बहन सब मगन।
एक-दूजे का मुबारक़वाद है छा गया गगन।।
स्वागतम,स्वागतम,नववर्ष सुस्वागतम।
आइये स्वागतम,स्वागतम, स्वागतम।।
प्रभु से कर रहे हम सहृदय वन्दनम।
सुख-संवृद्धि का ये नया साल हो अपने वतन।।
गरीबी,अशिक्षा,कुपोषण का हो जाये पतन।
रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य का होवे खुब जतन।।
स्वागतम,स्वागतम,नववर्ष सुस्वागतम।
आइये स्वागतम,स्वागतम, स्वागतम।।
कट्टरवाद,जातिवाद का हो देश से गमन।
हत्या,चोरी,घूसखोरी को नसीब हो कफन।।
हत्यारे पापी आतंकियों का हो जाये दफन।
भाई-चारा,सद्भाव पुष्पित हो अपने चमन।।
स्वागतम,स्वागतम,नववर्ष सुस्वागतम।
आइये स्वागतम,स्वागतम, स्वागतम।।
विद्याज्ञान का नौनिहालों में हो उन्नयन।
इस राह चल पड़े देश,बढ़े शिक्षा का मिशन।।
निर्वाध अग्रसर रहे इस मिशन का कदम।
करते सहयोग इसमें सभी शिक्षक भाई-बहन।।
स्वागतम,स्वागतम नववर्ष सुस्वागतम।
साथ ही साथ मेरा गये साल को भी नमन।।
लेखक : विजय मेहंदी, जौनपुर (उ.प्र.)
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