सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
सोहागपुर नर्मदापुरम (संस्कार सृजन) गुरू नानक पब्लिक स्कूल स्थित हनुमान मंदिर परिसर में फलदार पौधे पितृ देवो के नाम लगाए गए। संयोजक प्रियांशु धारसे ने बताया गया कि पुराणों व हिन्दू धर्मग्रंथों में उल्लेखित पर्यावरण ज्ञान के अनुसार 10 कुँओं के बराबर एक बावड़ी,10 बावड़ियों के बराबर एक तालाब,10 तालाब के बराबर 1 पुत्र एवं 10 पुत्रों के बराबर एक वृक्ष है। जीवन में लगाये गये वृक्ष अगले जन्म में संतान के रूप में प्राप्त होते हैं।
श्रीमद् भगवद्गीता के 10वें अध्याय में श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि नागों में शेषनाग और जल- जंतुओं का अधिपति वरुण मैं ही हूं। पितरों में अर्यमा और शासन करने वालों में यमराज मैं ही हूं। अर्यमा पितरों के राजा का नाम है। अर्यमा ऋषि कश्यप और अदिति के तीसरे पुत्र हैं। यमराज मृत्यु के देवता हैं। पितृ पक्ष में अर्यमा पितर देव की पूजा की जाती है। एक मान्यता ये है कि सबसे पहले ब्रह्मा जी के पीठ से पितर देव उत्पन्न हुए थे।
पार्षद जमील खान ने कहा हम अपने संगठित प्रयासों से ही अपने "भारत" को नैसर्गिक आपदा से बचा सकते हैं ,भविष्य में भरपूर मात्रा में नैसर्गिक ऑक्सीजन मिले इसके लिये आज से ही अभियान आरंभ करने की आवश्यकता है। आइये हम पीपल, बड़, बेल, नीम,आंवला एवं आम आदि वृक्षों को लगाकर आने वाली पीढ़ियों को नीरोगी एवं"सुजलां सुफलां पर्यावरण" देने का प्रयत्न करें। पेड़ लगाकर अपना जीवन सफल बनाए। इस दौरान ग्रीन इंडियन आर्मी से आयुष नागवंशी,राज पठरिया,सागर, अजय,रोहित आदि मौजूद रहे।
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