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संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
चौमूं / जयपुर (संस्कार सृजन) जब भी हाईवे पर कोई दुर्घटना होती है तो लोग कहते हैं कि अगर इस गोवंश के गले में रिफ्लेक्टिव बेल्ट लगा होता तो दूर से दिख जाता और दुर्घटना नहीं होती | सरकार भी संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश देकर इति श्री कर लेती है | लेकिन जमीनी स्तर पर कोई भी कार्य नहीं करता,क्योंकि जानवरों को पकड़कर उनके गले में रिफ्लेक्टिव बेल्ट बांधना जानलेवा साबित हो सकता है | सोचते सभी हैं लेकिन कर नहीं पाते | वहीं गौरक्षक ऐसे लोग हैं जो संसाधनों के अभाव के बावजूद अपनी जान पर खेलकर गोवंश की सुरक्षा करते नजर आते हैं |
जी हाँ ! ऐसा ही नजारा कल नेशनल हाईवे 52 के ऊपर देखने को मिला, जहां गौरक्षक निराश्रित और आवारा गोवंश के गले में अपनी जान को हथेली पर लेकर गले में रिफ्लेक्टिव बेल्ट बांधते नजर आए | आवारा गोवंश को पकड़ने के दौरान गोरक्षकों को हलकी-फुलकी चोट भी आई, लेकिन फिर भी गोरक्षकों के हौसले बुलंद रहे और उन्होंने भोजलावा कट चौमूं से लेकर सीकर बॉर्डर सरगोठ तक करीब 115 गौवंश के गले में रिफ्लेक्टिव बेल्ट बांधे | संसाधन के नाम पर सिर्फ एक रस्सी थी |
आमजन जब रिफ्लेक्टिव बेल्ट बांधते हुए गौरक्षकों को देखता है तो यही सोचता है कि यह तो सबसे आसान काम है आमजन को इतनी जल्दबाजी रहती है की ट्रैफिक रोकने के बाद भी बिना किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए नहीं रुकते , जो किसी बड़े हादसे को भी आमंत्रण दे सकता है | वही कुछ लोग फ्री की एडवाइस भी देते हुए नजर आते हैं कि इनको ऐसा करना चाहिए, यहां नहीं पकड़ता चाहिए, वहां पकड़ना चाहिए, लेकिन फिर भी गोरक्षकों का मनोबल नहीं गिरता और हाईवे पर हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगातार अपने कार्य को अंजाम देते हैं |
हां एक बात और गौरक्षक यह काम किसी पैसे के लिए नहीं करते बल्कि हमारी गाय माता की वजह से कोई दुर्घटना नहीं हो इस वजह से बिना किसी भूख प्यास की चिंता करते हुए अनवरत अपने कार्यों को अंजाम देते हैं | अगर हर ग्राम पंचायत पर गौशाला की स्थापना कर दी जाए तो कोई भी गोवंश इधर-उधर भटकता नहीं दिखेगा | फिर भी अगर कोई व्यक्ति गोवंश को छोड़ता है तो उस पर जुर्माने का प्रावधान किया जाए जिससे उनकी दुर्दशा नहीं हो | सरकार को जिम्मेदारी निभाते हुए गौरक्षकों को संसाधन उपलब्ध करवाने चाहिए | साथ ही भामाशाहों को भी आगे आकर मदद करनी चाहिए |
गौरक्षक दल के अध्यक्ष शेर सिंह कुमावत ने बताया कि गौरक्षकों की टीम लगातार बिना किसी आधुनिक संसाधनों के गोवंश की सेवा में लगी हुई है | आमजन से गुजारिश है की गौ सेवा नहीं कर सके तो सेवा करने वालों का मनोबल तो नहीं गिरायें | गौरक्षक जो सेवा कर रहे हैं वह अपने लिए ही नहीं समाज के लिए भी फलीभूत होगी | हाईवे पर अधिकतर हादसे रात को गोवंश के आ जाने से होते हैं | रिफ्लेक्टिव बेल्ट बांधने से रात को दूर से ही गोवंश दिखाई दे जाएगा जिससे हादसा होने की संभावना कम हो जाएगी |
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