राजस्थान की सरकारी भर्तियों में केवल राजस्थान के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए - रामलाल शर्मा

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) विधानसभा सत्र में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधायक रामलाल शर्मा ने प्रदेश के युवाओं से जुड़े हुए मुद्दों को पुरजोर तरीके से विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारों की स्थिति किसी से छिपी हुई नहीं है और कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा था कि हम सरकार में आते ही संविदाकर्मी, एनआरएचएम, एनयूएचएम, पैरा टीचर, उर्दू पैरा टीचर्स, आंगनबाड़ी कर्मी, शिक्षाकर्मी, विद्यार्थी मित्र, पंचायत सहायकों सहित अन्य विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की समस्याओं का उचित समाधान करेंगे। 

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि राजस्थान के अंदर 2.50 लाख संविदा कर्मियों को नियमित करने का काम किया जाएगा और कोविड-19 के दौरान नर्सिंग क्षेत्र में काम करने वाले अपने जिंदगी और मौत के बीच झुझते रहे और 6000 से लेकर 8000 रूपए के मानदेय के ऊपर यह काम करते रहे और अपनी जान को जोखिम में डालकर मानव धर्म निभाने का किसी ने काम किया है तो वो प्रदेश के नर्सिंग कर्मचारी है, लेकिन पौने 3 साल बीत जाने के बाद भी मंत्री बीडी कल्ला साहब की अधीनस्था में एक कमेटी बनी है और इतने समय के बाद भी इन संविदा कर्मी को नियमित नहीं करने का क्या कारण है? आप इनको नियमित करोगे या नहीं करोगे, इस बात को स्पष्ट करें ताकि वह कोई अन्य काम करें। 


उन्होंने कहा कि इस सरकार के दौरान बहुत से आरोप आरपीएससी एवं अधीनस्थ बोर्ड के ऊपर लगे और आज सरकार की कोई भी भर्ती देख लो जिसमें पहले विज्ञप्ति जारी होती है फिर कई दिनों तक परीक्षा तिथि निर्धारित नहीं होती और जब परीक्षा तिथि निर्धारित की जाती है तो सरकार इसे स्थगित करवाने का काम करती है और परीक्षा से पहले पेपर लीक होने के लिए मुन्ना भाई हर जगह मौजूद मिलेंगे। 

उन्होंने एनटीटी भर्ती का मुद्दा भी विधानसभा में उठाते हुए कहा कि एनटीटी भर्ती की परीक्षा पूर्व में हो चुकी है जिसमें 400 लोगों की भर्ती की गई और 600 लोग अभी भी रोजगार के इंतजार में हैं। कई लोगों ने फर्जी डिग्रियां प्राप्त कर मेहनत और परिश्रम करने वाले युवाओं के साथ धोखाधड़ी करने का काम किया परंतु सरकार यह सब देखती रही। 


उन्होंने कहा कि राजस्थान के बाहर अन्य प्रदेशों में भर्तियों के दौरान बाहरी अभ्यथियों को निर्धारित प्रतिशत पर लेने का मापदंड तय कर दिया गया है और इसी तरह राजस्थान के युवाओं के भविष्य को देखते हुए सिर्फ राजस्थान के युवाओं को ही भर्तियों में मौका मिले ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। 

वर्तमान में आरपीएससी पर कई प्रकार के संगीन आरोप लगाए जा रहे हैं और आरपीएससी द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं में साक्षात्कार के अंको को कम कर मुख्य परीक्षा के अंकों को बढ़ा दिया जाए, ताकि वर्तमान में जिस तरीके के संगीन आरोप लग रहे हैं उन आरोपों से बचा जा सके। कई वर्षों से लटकी हुई भर्तियों को सरकार युवाओं के साथ संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक नियमित तिथि में परीक्षा आयोजित करवाने का काम करे, ताकि प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सके। 


हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

" संस्कार सृजन " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |

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