आत्मशांति, अन्तर्दर्शन व आध्यात्मिक विकास के लिए प्रेक्षाध्यान है श्रेष्ठ माध्यम- प्रो. त्रिपाठी

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ राम गोपाल सैनी

लाडनूं (संस्कार न्यूज़) जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में गुरुवार को आयोजित मासिक व्याख्यानमाला में प्राचार्य प्रो.आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने 'प्रेक्षा ध्यान का स्वरुप एवं उपयोगिता' विषय पर दिए व्याख्यान में प्रेक्षाध्यान के 1962 से शुरू हुए शोध एवं 1975 में साकार रूप लेने के वृतान्त को बताते हुए प्रेक्षाध्यान के मुख्य अंगों कायोत्सर्ग, अन्तर्यात्रा, श्वास प्रेक्षा, शरीर प्रेक्षा, चैतन्य प्रेक्षा, लेश्याध्यान, भावना प्रेक्षा, अनुप्रेक्षा की विस्तृत जानकारी देते हुए प्रेक्षाध्यान के सहायक एवं विशिष्ट अंगों आसन, प्राणायाम, मुद्रा, ध्वनि, वर्तमान प्रेक्षा, विचार प्रेक्षा, अनिमेष प्रेक्षा आदि के बारे में भी जानकारी दी। 

प्रो. त्रिपाठी ने प्रेक्षाध्यान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अन्तर्दर्शन, शान्ति, आध्यात्मिक विकास एवं जीवन की अंतिम चाहना मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी प्रेक्षाध्यान को अनिवार्य बताया।  व्याख्यान के अंत  में उन्होंने उपस्थित संकाय सदस्यों की प्रेक्षाध्यान के प्रति जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। 

व्याख्यान के अवसर पर डॉ. प्रगति भटनागर, डॉ. बलवीर सिंह चारण, अभिषेक चारण, अभिषेक शर्मा, डॉ. विनोद कुमार सैनी, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. विनोद कुमार सैनी ने किया। अंत में डाॅ. बलवीर सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।

- रिपोर्ट : जगदीश यायावर 


हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

" संस्कार न्यूज़ " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |

विडियो देखने के लिए -https://www.youtube.com/channel/UCDNuBdPbTqYEOA-jHQPqY0Q 

अपने आसपास की खबरों , लेखों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें - 9214996258, 7014468512,9929701157.

Post a Comment

0 Comments