जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
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संस्कार न्यूज़ @ राम गोपाल सैनी
नई दिल्ली (संस्कार न्यूज़)पाकिस्तान में गधों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। ताजा जारी किए गए पाकिस्तान के इकोनॉमिक सर्वे 2020-21 से पता चला है कि वहां गधों की संख्या में हर साल एक लाख की बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में पाकिस्तान में गधों की संख्या बढ़कर 56 लाख पहुंच गई है ।
ब्रुक इंडिया की ओर से भारत में 2019 में की गई पशु जनगणना में सामने आया है कि यहां गधों की कुल संख्या एक लाख बीस हजार ही है। पाकिस्तान की तुलना में यह संख्या काफी कम है। वर्तमान में गधों की कुल जनसंख्या में 2012 में हुई इसकी जनगणना की तुलना में 61.23% की कमी आई है ।
भारत में 2019 में हुई जनगणना में घोड़े, गधे और खच्चरों की कुल आबादी में भारी कमी आई है। 2012 की जनगणना के मुकाबले इनकी संख्या में 51.9% की कमी देखी गई है। ब्रुक इंडिया के अनुसार आंकड़ों की तुलना करने पर पता चला है कि गधे की आबादी में सबसे ज्यादा गिरावट आई है और यह गंभीर इसलिए है क्योंकि यह मामला चीनी बाजारों में गधे की चर्बी से बने "ईजियो" के निर्यात से जुड़ा है।
पाकिस्तान को लेकर भी गधों को चीन में निर्यात करने की बात कही जा रही है. वहीं चीन में ईजियो की इस भारी मांग की वजह से दुनिया में गधों की संख्या काफ़ी कम हो गयी है ।
भारत में कामकाजी अश्व, गधे और खच्चर गरीब और पिछड़े वर्ग के ग्रामीण समुदायों के लिए आजीविका के प्रमुख स्रोत हैं । इन जानवरों का प्रयोग ईंट भट्टों, निर्माण, पर्यटन, कृषि और माल ढोने के लिए होता है और कई बार तो लोगों के परिवहन में भी इनका इस्तेमाल होता है । कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि गधों की आबादी के मामले में तो पाकिस्तान भारत से आगे है।
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