पोस्ट कोविड की परेशानियों का डटकर सामना कर रहे हैं मुख्यमंत्री गहलोत

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार न्यूज़) राजस्थान में कोविड- मैनजमेंट को बेहतर बनाने के प्रयासों में कोविड पॉजिटिव हो चुके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ठीक होने के बाद भी पोस्ट कोविड की परेशानियों का सामना कर रहे हैं इसी वजह से मुख्यमंत्री पिछले लंबे समय से न तो सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं और न ही पार्टी के नेताओं विधायकों और कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत मुलाकात कर पा रहे हैं । 

कोरोना काल में कर चुके हैं रिकॉर्ड 355 वीडियो कॉन्फ्रेंस

कोरोना काल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले 15 महीनों में राजस्थान में रिकॉर्ड 355 मीटिंग वीडियो कांफ्रेंस के जरिए ले चुके हैं ।  राजस्थान में कोरोना महामारी के खिलाफ़ जंग में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक योद्धा के तौर पर सामने आए हैं।  

मंत्री विधायकों से भी वीडियो कॉल के जरिए कर रहे हैं बातचीत
कोरोना पॉज़िटिव होने के बाद भी मुख्यमंत्री ने होम क्वारंटाइन रहते हुए भी लगातार व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का मोर्चा संभाले रखा है।  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज जोधपुर में विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए कहा कि पिछले सवा साल से जोधपुर नहीं आ पाया हूं इस बात का मुझे बहुत मलाल है।  अपने लोगों से मिलने का बड़ा मन है, लेकिन पोस्ट कोविड की परेशानियों के चलते चिकित्सकों ने उन्हें अभी एक दो महीने सीएमआर पर रहकर ही काम करने का सुझाव दिया है. मुख्यमंत्री कोविड पीरियड में किसी से व्यक्तिगत मुलाकात नहीं कर रहे हैं।  वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठकों के अलावा मंत्री और विधायकों से भी वीसी के जरिए ही सीएम मिल रहे हैं। 

डेढ़ साल के इस कोविड पीरियड के दौरान मुख्यमंत्री देश में किसी भी राज्य में किसी भी जनप्रतिनिधि की ओर से ली जाने वाली रिकॉर्ड बैठक ले चुके हैं। समीक्षा बैठकों के दौरान कई बार मुख्यमंत्री सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी ओपन बैठ कर ले चुके हैं, जिस का लाइव प्रसारण जनता भी देख चुकी है ।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले डेढ़ माह से सीएम हाउस से बाहर नहीं आए हैं।  सीएम गहलोत आखरी बार 31 मार्च को असम दौरे पर गए थे जहां उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया था और उसके बाद 1 अप्रैल को जयपुर लौट आए थे। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 15 महीनों से प्रदेश मुख्यमंत्री आवास को ही मुख्यमंत्री कार्यालय में में तब्दील कर दिया है।  इस दौरान मुख्यमंत्री सीएमओ की बजाए सीएमआर से ही राज काज का सारा काम देख रहे हैं।  इनमें कोरोना समीक्षा बैठकों के साथ ही सरकार से जुड़े कामकाज और विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास भी भी सीएमआर से ही चल रहे हैं।  यानी मुख्यमंत्री की सार्वजनिक उपस्थिति के लिए अभी भी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं कार्यकर्ताओं को दो से तीन महीने का इंतजार करना होगा। 

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