चौमू में उप कारागार खोले जाने की मांग को लेकर रुक्क्षमणी कुमारी को सौंपा ज्ञापन

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ @ राम गोपाल सैनी 

चौमूं (संस्कार न्यूज़) चौमू विधानसभा क्षेत्र में उप कारागार खोले जाने की मांग को लेकर ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर राजेश कुमार वर्मा ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रुक्क्षमणी कुमारी से मोरीजा स्थित उनके निवास पर भेट की | चौमू विधानसभा क्षेत्र में उप कारागृह (सब जेल) खुलवाए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में वर्मा ने बताया कि चौमू जयपुर का सबसे घनी आबादी क्षेत्र है। आबादी की विशालता के कारण अपराधिक कृत्य भी आए दिन होते रहते हैं। न्यायिक मुकदमों की सुनवाई हेतु चौमू में जयपुर महानगर से संबंधित, जिला क्षेत्र से संबंधित एवं प्रशासनिक स्तर पर कुल 12 न्यायालय कार्यरत है। चौमू क्षेत्र में न्यायिक प्रकरणों से संबंध रखने वाले पांच पुलिस थाने स्थापित है। उपाधीक्षक पुलिस थाना चौमू, थाना अधिकारी पुलिस थाना हरमाड़ा, उपाधीक्षक पुलिस थाना गोविंदगढ़, वृत्ता अधिकारी पुलिस थाना कालाडेरा तथा वृत्ता अधिकारी पुलिस थाना सामोद  से संबंधित न्यायिक प्रकरणों की कार्यवाही भी चौमू स्थित न्यायालयों में की जाती है।

इन न्यायालयों में प्रतिदिन दर्जनों मुकदमों की सुनवाई होती है, जिनमें मुलजिमानो को न्यायिक  अभिरक्षा में भेजा जाता है। चौमू में उप कारागार नहीं होने से न्यायालय द्वारा मुलजिमानो  को न्यायिक अभिरक्षा में रखने हेतु सीधे ही केंद्रीय कारागृह जयपुर एवं जिला कारागृह जयपुर पर भिजवाया जाता है। इससे बंदियों को आने-जाने के समय व्यतीत होता है तथा मूलजिमान के फरार होने का भय भी बना रहता है। इसके अतिरिक्त मुलजिमान  के पेशी पर लाने व ले जाने में राज्य सरकार को काफी वित्तीय भार उठाना पड़ता है तथा भारी सुरक्षा व्यवस्था भी उपलब्ध करवानी पड़ती है। केंद्रीय कारागार, जयपुर एवं जिला कारागृह, जयपुर में बंदी जनाधिक्य होने के कारण बंदियों को पेशी पर ले जाना मुश्किल होता है। इससे बंदियों की पेशी आगे बढ़ा दी जाती है। जो मुलजिमो  के साथ अन्याय है।

चौमू क्षेत्र में उप कारागार खोला जाता है तो केंद्रीय कारागार, जयपुर एवं जिला कारागृह, जयपुर पर विचाराधीन बंदियों की संख्या में काफी कमी आएगी साथ ही मुलजिमो को समय-समय पर न्यायालय में पेशी हेतु ले जाया जा सकेगा एवं लंबित न्यायिक प्रकरणों का भी जल्दी ही निस्तारण हो सकेंगे।

चौमू के आस-पास कारागार नहीं कारण मुलजिमों के अधिवक्ता गण तथा उनसे मिलने वाले परिजनों को भी काफी परेशानी होती है एवं अनावश्यक समय भी व्यतीत होता है।

ज्ञापन के माध्यम से वर्मा ने चौमू क्षेत्र के आसपास राजकीय सुविधा अनुरूप आबादी क्षेत्र से दूर उप कारागृह स्थापित करने की मांग की। इस पर रुक्क्षमणी कुमारी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर बजट सत्र 2021- 22 में चौमू विधानसभा क्षेत्र में उप कारागृह खुलवाने का प्रयास करेंगे | इस अवसर पर सुमन जाजड़ा, सुरेंद्र कुमार जाजड़ा भी उपस्थित थे।


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