किसानों के मुद्दों पर गरजे विधायक शर्मा, कहा सरकार किसानों को गुमराह करना बंद करे

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ @ राम गोपाल सैनी 

जयपुर (संस्कार न्यूज़) भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने विधानसभा सत्र के दौरान महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार को चारों ओर से घेरते हुए किसानों, आमजन, कर्मचारियों सहित बिजली, पानी, सड़क आदि के मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधा। 

विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि महामहिम राज्यपाल महोदय के द्वारा सरकार द्वारा गलत बातें कहलवाई गई, उसका मैं पुरजोर विरोध करता हूं। विधायक रामलाल शर्मा ने सर्वप्रथम किसानों की बात करते हुए कहा कि राजस्थान के किसानों को सरकार द्वारा गुमराह करने का काम किया जा रहा है। राजस्थान की सरकार संपूर्ण कर्जमाफी का वादा कर सत्ता में काबिज हुई, परंतु 2 साल बीत जाने के बाद भी राजस्थान के अंदर आज भी राष्ट्रीयकृत बैंकों से जो किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेने वाले किसान हैं, उनका ऋण माफी का काम सरकार ने नहीं किया तथा भाजपा सरकार के समय जो डिफाल्टर किसान थे उनको शपथ पत्र देकर दोबारा ऋण देने का काम किया था, परंतु आज राजस्थान के अंदर लाखों किसान डिफाल्टर घोषित हो चुके हैं और उन्हें दोबारा ऋण देने का काम नहीं हुआ। भाजपा शासनकाल के दौरान किसानों को मिलने वाली 10 हजार की सब्सिडी भी कांग्रेस सरकार ने बंद करने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज भी प्रदेश के अंदर लाखों रुपए की वीसीआर भरने का काम सरकार कर रही है और कृषि कार्य हेतु नलकूपों पर यदि कोई किसान लोड कम करवाना चाहता है, तो किसान द्वारा हजार चक्कर काटने पर भी लोड कम नहीं किया जाता है।

विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार बिजली की दरों में वृद्धि नही करने का वादा करके सत्ता में आई थी परंतु आज बिजली के बिलों में करंट दौड़ने लगा है। सरकार उपभोक्ताओं के साथ दोगलापन अपनाती है क्योंकि अजमेर डिस्कॉम के बिल दो माह से आते हैं, तो वही जयपुर डिस्कॉम के बिल प्रतिमाह आते हैं, जिसमें आम उपभोक्ताओं को फिक्स्ड चार्ज की राशि जो पहले 2 महीने में एक बार आती थी वह अब हर महीने उपभोक्ताओं को फिक्स्ड चार्ज देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक बोरी भी बाजरे की एमएसपी पर खरीदने का काम नहीं किया और मजबूरन सीमावर्ती जिलों के किसानों को हरियाणा में जाकर बाजरा बेचना पड़ा। इसके अलावा सीकर जिले के अंदर किसानों को नकली बाजरे का बीज देकर किसानों को भारी नुकसान पहुंचाने, प्रथम बजट में की गई 1000 करोड रुपए का कृषक कल्याण कोष बनाने की घोषणा, कृषि विपणन बोर्ड से बनने वाली सड़कों का निर्माण कार्य पर रोक, गौशालाओं पर 145% अनुदान बढ़ाने और नंदी गौशाला को खोलने जैसे मुद्दों पर विस्तार से बात करते हुए सरकार को घेरा।

विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की सरकार विधायक कोष के पैसों पर भी कुंडली डालकर बैठ गई। विधायक कोष का पैसा प्रत्येक विधायक का हक होता है परंतु सरकार से विधायक कोष की राशि जारी करवाने के लिए भी विधायकों को चक्कर काटने पड़ते हैं और सरकार की उपलब्धि बताते हुए कहा कि सरकार ने आमजन की जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे अन्नपूर्णा रसोई योजना, मुख्यमंत्री जल स्वालंबन योजना, गौरव पथ योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, किसानों की बिजली सब्सिडी, स्टेट रोड पर टोल फ्री योजना, बाबासाहेब अंबेडकर सामुदायिक भवन योजना, मुख्यमंत्री दुग्ध योजना आदि को बंद करने का काम किया है। विधायक शर्मा ने मुख्यमंत्री पर कहते हुए कहा कि आपने मेरे विधानसभा क्षेत्र के गोविंदगढ़ में हुई बड़ी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि हम गोविंदगढ़ तक मेट्रो पहुंचा देंगे परंतु सरकार गोविंदगढ़ तो दूर की बात, अभी अंबाबाड़ी तक तो सेकंड फेज की मेट्रो पहुंचा दो। 

विधायक रामलाल शर्मा ने प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों पर कहा कि प्रदेश में गैंगरेप, गैंगवार, बजरी माफिया, भू माफिया सहित आज आम हो चुके हैं तथा जिस तरीके से बजरी का अवैध खनन हो रहा है उस पर सरकार स्पष्ट करें कि बजरी के मामले में क्या नीति लेकर आ रही है। आज प्रदेश महिला अपराध में पहले नंबर पर पहुंच चुका है और लोकडाउन के बाद जिन परिस्थितियों में आत्महत्याओ की घटनाये बढ़ रही है, वह चिंता करने योग्य है। सरकार द्वारा लाई जा रही नई आबकारी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो बेरोजगार युवा लॉटरी में उम्मीद लगाए बैठा है कि मेरी भी दुकान आवंटित होगी परंतु सरकार द्वारा ऑक्शन पर कर दुकान छोड़ने की नीति शराब माफिया को पढ़ाने का काम करेगी मैं सरकार की इस नीति का घोर विरोध करता हूं अंत में विधायक रामलाल शर्मा ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है और सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि हम संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का काम करेंगे, परंतु दो साल बीत जाने के बाद भी आज मनरेगा में, विद्यार्थी मित्र 24000, पंचायत सहायक 27000, पैराटीचर्स 15000, फार्मासिस्ट 1500, एनआरएचएम 4500, जनता जल योजना 10,000,  आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 62 हजार, आशा सहयोगिनी 58 हजार, सहायिका 56 हजार, स्वास्थ्य मार्गदर्शक 827 सहित अन्य संविदा कर्मचारी नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं।


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