जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
नई दिल्ली (संस्कार सृजन) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने सामाजिक एकता पर जोर देते हुए सभी लोगों से एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान घाट अपनाने को कहा है। उन्होंने हिंदू समाज से जातिगत भेदभाव खत्म करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने की अपील की, जिसमें सभी वर्गों के लिए मंदिर, जल स्रोत और श्मशान घाट समान रूप से सुलभ हों। वहीं भागवत के इस बयान पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस ने भागवत के बयान को समाजों के बीच विभाजन पैदा करने वाला बताया है।
आरएसएस चीफ ने हिंदू समाज की नींव के रूप में संस्कार के महत्व पर जोर दिया और लोगों से परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और नैतिक अखंडता पर आधारित समुदाय बनाने का आह्वान भी किया। साथ ही भागवत ने त्योहारों को एक साथ मनाने की भी अपील की है।
आरएसएस चीफ ने कहा कि परिवार और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित समाज बनाना जरूरी है, और त्योहारों को एक साथ मनाने से राष्ट्रीय एकता मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि शांति को बढ़ावा देने में भारत की वैश्विक भूमिका को साकार करने के लिए वास्तविक सामाजिक एकता आवश्यक है।
इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने इसे RSS और BJP की “विभाजनकारी साजिश” का हिस्सा बताया। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक बीजेपी और आरएसएस की समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने की साजिश है।
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