जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
दौसा (संस्कार सृजन) देवगिरि साहित्य एवं शोध संस्थान द्वारा आज भव्य गणगौर उत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा पहनकर सहभागिता की। आयोजन में लोकगीतों की गूंज ने समां बांध दिया। इस सांस्कृतिक आयोजन में नगर परिषद सभापति कल्पना जैमन मुख्य अतिथि रहीं, जबकि लक्ष्मी रेला महिला जिला भाजपा अध्यक्ष, भावना सैनी पूर्व समाज कल्याण बोर्ड सदस्य, मनीषा जैमन शिक्षा अधिकारी, डिंपल वधावन अध्यक्ष, इनरव्हील क्लब दौसा, ऊर्मिला जोशी प्रदेश अध्यक्ष, परशुराम सेना महिला वाहिनी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी एवं पूर्व शिक्षा अधिकारी सुशील शर्मा ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पमाला एवं गणगौर माता के वंदन गीतों के साथ हुआ। देवगिरि साहित्य एवं शोध संस्थान की अध्यक्ष डॉ. निर्मला शर्मा ने बताया कि राजस्थान दिवस पर राजस्थानी संस्कृति ,लोक भाषा तथा लोकगीतों की धरोहर को सहेजते हुए गणगौर पूजन के माहौल में गणगौर उत्सव मनाकर अपनी संस्कृति एवं भाषा को सम्मान दिया गया।
आयोजन में सभी महिलाओं ने सोलह श्रृंगार के साथ राजस्थानी परिधान पहने। रत्ना गुप्ता,चित्रा शर्मा, शीला शर्मा,शीतल,कीर्ति,संतोष, शशि, ममता, के द्वारा राजस्थानी भाषा में गणगौर के गीत गाएं गए।
आयोजन में सामूहिक रूप से नृत्य किया गया। मुख्य अतिथि कल्पना जैमन ने अपने उद्बोधन में सभी को हिंदू नववर्ष, गणगौर तथा राजस्थान दिवस की शुभकामनाएं प्रदान की और कहा कि अपनी संस्कृति को संजोने वाले आयोजन अपने प्रदेश की गरिमा को उन्नत करते हैं। सभी महिलाओं के साथ उपस्थित अतिथियों द्वारा नृत्य किया गया।
विशिष्ट अतिथि लक्ष्मी रेला ने कहा कि त्योहार एवं उत्सव जीवन को जीवंत बना देते हैं। इनका आयोजन उत्साह भरता है। वहीं आयोजन में विशिष्ट रंग जमाने वाली भावना सैनी ने अपने प्रदेश के लोकनृत्य एवं लोकभाषा को अधिकाधिक अपनाने पर बल दिया। अध्यक्षीय उद्बोधन में शिक्षाविद एवं समाजसेवी सुशील शर्मा ने देवगिरि संस्थान एवं अध्यक्ष डॉ. निर्मला शर्मा को सफल आयोजन की बधाई देते हुए वर्तमान समय में आयोजन के महत्व को समझाया।
गणगौर उत्सव के तहत "नखराली गणगौर", राजस्थानी नृत्य,मेहंदी , लोकभाषा एवं संस्कृति के साथ ईसर दास की पाग का आयोजन हुआ, जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। "नखराली गणगौर" प्रतियोगिता में योगेश देवी शर्मा, आरती ओढ, और नीतू मामोडिया विजेता रहीं। राजस्थानी नृत्य प्रतियोगिता में सुनीता राजोरिया, अनीता विजय और ममता डांगयच , आरती ओढ बाजी मारी। मेहंदी प्रतियोगिता में पल्लवी तंवर को पुरस्कृत किया गया।
ईसरदास की पाग एवं राजस्थानी लोकगीतों में महिलाओं ने विशेष रूप से उत्साह दिखाया। राजस्थानी पगड़ी में सजी महिलाओं ने नारी सशक्तिकरण के साथ राजस्थानी संस्कृति का संदेश दिया।
सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पमाला, दुपट्टा, साफा एवं राजस्थानी संस्कृति से जुड़ी तस्वीरें भेंट कर किया गया। विजेताओं को सम्मानित कर उपहार प्रदान किए गए । सभी उपस्थित महिलाओं का दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया गया तथा अल्पाहार करवाया गया। साथ ही, विशेष सेवा के लिए फोटोग्राफर दीपक बिट्टू का सम्मान किया गया। मंच संचालन और आभार प्रदर्शन संस्थान अध्यक्ष डॉ. निर्मला शर्मा द्वारा किया गया। इस भव्य आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया, जिससे राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं की अद्भुत झलक देखने को मिली।
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