जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
उदयपुर (संस्कार सृजन) फैडरेशन ऑफ एनजीओ राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष डॉ.ओपी महात्मा के आकस्मिक निधन पर फैडरेशन के प्रदेश महासचिव कुंवर विजयसिंह कच्छवाहा के निर्देशन में जय हनुमान राम चरित मानस प्रचार समिति ट्रस्ट के संस्थापक सचिव पंडित सत्यनारायण चौबीसा की टीम ने डॉ.ओपी महात्मा के निवास स्थान अमल का कांटा पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सुंदरकांड पाठ आयोजन करके दिवंगत आत्मा की शांति व मोक्ष के लिए आत्मिक शांति की कामना की।
इस अवसर पर प्रोफेसर विमल शर्मा, डॉ. उदित नारायण व्यास, सर्व संप्रदाय संत परिषद के महंत इंद्रदेव दास, महंत दयाराम स्नेही, जय श्री राम जय श्री कृष्णा सेवा समिति ट्रस्ट के पन्नालाल मेनारिया, श्रीमेवाड़ सगसजी लोकसेवा संस्थान के शूरवीर सिंह महावीर सिंह कच्छवाहा, मेवाड़ शक्ति कल्याण ट्रस्ट के बसंती वैष्णव, हिन्द मानव सेवा कल्याण ट्रस्ट के दिव्य कुमार, मातृ कृपा सेवा संस्थान के रामनाथ सिंह चौहान, वीरेंद्र नागौरी, डॉ. सुनील शर्मा, प्रयास सेवा संस्थान राजा भंडारी, राजमल चौधरी, नारायण दास वैष्णव, चंद्रप्रकाश चित्तौड़ा, लक्ष्मी कुंवर, वीणा राजगुरु, लीला शर्मा, विधि सोनी सहित फैडरेशन के पदाधिकारी व शहर के जाने माने जन समाज धर्म प्रेमी उपस्थित रहे ।
सभी ने मिलकर प्रार्थना सभा में स्वर्गीय डॉ. ओपी महात्मा की आत्मिक शांति के लिए मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित कि और दिवंगत डॉ. ओपी महात्मा परिवार के डॉ.विष्णुकांत महात्मा, डॉ.मुकेश महात्मा, डॉ.सुनिधि महात्मा, मधु महात्मा, अरुणा महात्मा, राजकुमारी महात्मा के भेंट कर उनके प्रति आत्मिक सहानुभूति व्यक्त करते हुए दिवंगत डॉक्टर महात्मा की स्मृति में डॉ. ओपी महात्मा सेवा संस्थान प्रारंभ करने व डॉक्टर महात्मा की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की फैडरेशन के प्रदेश महासचिव कुंवर विजयसिंह कच्छवाहा ने बताया कि 83 वर्षीय दिवंगत डॉ.ओपी महात्मा राजकीय सेवा निवृत जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी थे। चालीस वर्षों की राजकीय सेवा से निवृत्त होने के बाद उन्होंने ज्ञान हेल्थ इंस्टिट्यूट सोसायटी एनजीओ की स्थापना की और राजस्थान के सबसे बड़े एनजीओ संगठन फैडरेशन ऑफ एनजीओ के प्रदेशाध्यक्ष बने, उन्होंने करीब 70 वर्षों से जनसमाज धर्म सेवा क्षेत्र में अपनी सेवाओं का परचम फहराया था, वो किसी विशेष परिचय पहचान के मोहताज नहीं थे करीब सभी संगठनों संस्थाओं सर्वसमाज में उनकी सेवाएं सराहनीय रही है।अचानक 3 जनवरी 025 निधन से उदयपुर संभाग राजस्थान प्रदेश में बहुत बड़ी क्षति हुई है जिसकी भरपाई संभव नहीं है वो जन समाज सेवा क्षेत्र के सूरज थे जो अपनी सेवा रोशनी से सभी के लोकप्रिय चहेते बने उनके निधन से एक जाना माना समाज सेवी शहर से विदा हो गया।
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