सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
हिन्दी हमारी भाषा है,
हिन्दी ही अभिलाषा है।
हिन्दी हमारी शक्ति है,
हिन्दी ही अभिव्यक्ति है।।
हिन्दी हमारी बोली है,
हिन्दी ही हमजोली है।
हिन्दी हमारी जननी है,
हिन्दी ही कुलकर्णी है।।
हिन्दी भाषा पावन है,
हिन्दी ही मनभावन है।
हिन्दी हमारी संस्कृति है,
हिन्दी ही सुसंस्कृति है।।
हिन्दी हमारा संस्कार है,
हिन्दी ही सुपुरस्कार है।
हिन्दी हमारा अभिमान है,
हिन्दी ही स्वाभिमान है।।
हिन्दी हमारी आन बान है ,
हिन्दी ही सम्मान है।
हिन्दी हमारी जान है ,
हिन्दी देश की शान है।।
हिन्दी का हम रखें मान,
ऐसा हो सब का अरमान।
हिन्दी -भाषा- हिन्दुस्तान,
अपनी भाषा अपनी शान।।
लेखक : विजय मेहंदी
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