जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
कैलाश सज गया रे कैलाश सज गया
भोलेनाथ का देखो निवास सज गया
हो रही है भोले के विवाह की तैयारी
सजे हुए हैं भोले कर नंदी की सवारी
शिवजी के गण कर रहे जय जयकार
मेरे भोलेनाथ जी की महिमा है अपार
एक हाथ मे त्रिशूल दूजे में डमरू बाजे
गले मे सर्पों की माला माथे गंगा साजे
भूतों की टोली लेकर शिवजी पधारे हैं
राजा हिमाचल के देखो भाग सँवारे हैं
हाहाकार मचाती बारात सती घर आई
देख सती हैरान हुई और मन में मुस्काई
जन्म जन्म की आज तपस्या पूर्ण हुई है
विवाह की सारी रस्में आज शुरू हुई हैं
ये सोचकर सती ने देखो खुशी मनाई
आज हिमाचल के घर आए हैं त्रिपुरारी
गले मे सर्पों की माला सजती है न्यारी
नीलकंठ के तन पर भस्म लगी है प्यारी
मृगछाला बंधी कटि पर क्या ख़ूब सजे हैं
शिव बारात के आगे - आगे बाजे बजे हैं
लेखक - डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित, भवानीमंडी
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बहुत जरूरी सूचना :- रात को दुर्घटना से बचने के लिए अपनी गाड़ी को लो बीम में चलाएँ !
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