अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर विशेष लेख - डॉ. मोनिका रघुवंशी व डॉ. सोनिका कुशवाह

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

नई दिल्ली (संस्कार सृजन) हर साल सितंबर का पहला शनिवार अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस होता है। 2006 में हॉक कंजरवेंसी ट्रस्ट और लुप्तप्राय वन्यजीव ट्रस्ट के पक्षी कार्यक्रम द्वारा शुरू किया गया। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की लाल सूची के अनुसार, सभी गिद्धों में से लगभग 75% को विलुप्त होने का खतरा है।

गिद्ध क्यों महत्वपूर्ण हैं? - प्रकृति के सफ़ाई दल के रूप में, गिद्ध उस वातावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिसमें हम रहते हैं। मरे हुए जीवों को खा कर पारिस्थितिक तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और संभवतः बीमारी के प्रसार को कम करते हैं । गिद्ध कई बीमारियों के वाहक जैसे कुत्ते, बिल्ली, चूहे व अन्य जानवरों की संख्या को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। गिद्धों की कमी के कारण कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जो हमारे साथ साथ अन्य वन्य जीवों के लिए भी घातक होती जा रही है। अनिवार्य रूप से, गिद्ध मुफ़्त पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करते हैं जो प्रकृति और समाज को समग्र रूप से लाभ पहुंचाते हैं।

गिद्धों के बारे में रोचक तथ्य - 

• गिद्धों के पाचन गुण अद्भुत होते हैं। वे बिना बीमार हुए सभी प्रकार के दूषित भोजन को पचाने में सक्षम हैं और उन बीमारियों का सामना कर सकते हैं जो किसी अन्य प्राणी को मार सकती हैं।

• उनका सिर और पैर पंख रहित होते हैं, जिससे शव के अंदर से मांस खाते समय बैक्टीरिया व अन्य कीटाणु उनसे ना चिपकें। उनके गंजे सिर पर जो थोड़े-बहुत बैक्टीरिया होते हैं वह धूप में नष्ट हो जाते हैं।

• गिद्ध की ज्यादातर प्रजातियां साल में एक ही अंडा देती हैं जिसकी देखभाल नर व मादा मिल कर करते हैं। उनका साथी भोजन खोज कर भोजन निगल लेता है और चूजे को रिगार्जिएशन के माध्यम से मतलब पेट की सामग्री को वापिस निकाल कर बच्चे को खिला देता है।

अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस का महत्व - अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस का मुख्य उद्देश्य हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में गिद्धों के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है। दुनिया भर में लगभग 100 संगठन सोशल मीडिया के माध्यम से पेंटिंग प्रतियोगिताओं, क्विज़, फील्ड विजिट, सेमिनार जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस मना रहे हैं। जागरूकता हेतु भारतीय जैव विविधता संरक्षण सोसाइटी ने गिद्ध संरक्षण हेतु आनलाइन वेबिनार का आयोजन किया है जिसमें डॉ.सोनिका और डॉ.अखिलेश गिद्धों के बारे में विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे। वेबिनार में गिद्धों की गिरावट के कारणों और उनके संरक्षण के तरीकों पर भी प्रकाश डाला जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने भारत के विभिन्न स्थानों के स्कूलों में पेंटिंग प्रतियोगिता और विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। 

"मरी देह भक्षक  

करें साफ सफाई काज

धन्यवाद के पात्र हैं 

जगत मे गिद्धराज

गिद्धों से हम सिख लें 

सामाजिक सदभाव

इनकी रक्षा पालन का

रखें हमेशा चाव”

-नवल दागा, बीकानेर।

बहुत जरूरी सूचना :- रात को दुर्घटना से बचने के लिए अपनी गाड़ी को लो बीम में चलाएँ !

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" संस्कार सृजन " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |

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