इंडियन ग्रामीण सर्विस संस्थान ने सरकार की योजनाओं का क्रियांवयन करने का उठाया बीड़ा

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

विराटनगर (संस्कार सृजन) आज पूरे भारतवर्ष में 10 हजार फार्मर प्रोडूसर ऑर्गनाइजेशन का गठन किया जा रहा है जिसमें से इंडियन ग्रामीण सर्विस संस्थान को राजस्थान में 5 FPO बनाने का मौका मिला है, जिसमें सीकर में दो, झुंझुनू में दो एवं एक अजमेर पुष्कर में बनाया जाएगा। सरकार के इस सपने को साकार करने के लिए माधव बनर्जी (कोलकाता), मनीष मिटावा (विराटनगर) , प्रेमानंद साहू (उड़िसा) एवं सुमन टीकम (मध्य प्रदेश) रहेंगें | यह सभी कार्य जयपुर के भास्कर सिंह (IGS) की अध्यक्षता में पूरा किया जाएगा।

इसका मुख्य उद्देश्य है कि किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके और स्वयं रोजगार करके अधिक मुनाफा कमा सके | इससे उनको मान सम्मान भी मिलेगा और एक अच्छा मंच भी काम करने को प्राप्त होगा जिससे वह अपने माल को अपने ही क्षेत्र में लघु ,सूक्ष्म उद्योगों के माध्यम से बेच सकते हैं |

किसान उत्पादक संगठन (FPO) के लिए अगले 5 साल में 5000 करोड़ रुपये मोदी सरकार खर्च करने वाली है। इसका रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में ही होगा। किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा साथ ही NABARD का भी योगदान रहेगा | इसमें नाबार्ड कार्यों की मॉनिटरिंग करेगी।

सरकार किसान और कृषि को आगे बढ़ाने के लिए अगले पांच साल के लिए 5000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। किसानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें समृद्ध बनाने का प्लान केंद्र सरकार कर रही है। इसके लिए उन्हें एक कंपनी बनानी यानी किसान उत्‍पादक संगठन (FPO-Farmer Producer Organisation) बनाना होगा। सरकार ने 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाने की मंजूरी  दी है।

इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री ने कर दिया है।  अगले 5 साल में इस पर 5000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में ही होगा, इसलिए इसमें वही सारे फायदे मिलेंगे जो एक कंपनी को मिलते हैं। यह संगठन कॉपरेटिव पॉलिटिक्स से बिल्कुल अलग होंगे यानी इन कंपनियों पर कॉपरेटिव एक्ट नहीं लागू होगा।

एफपीओ यानी किसानी उत्पादक संगठन (कृषक उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह होगा, जो कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो और कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाएगा। एक समूह बनाकर आप कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।

एफपीओ लघु व सीमांत किसानों का एक समूह होगा, जिससे उससे जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा। सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति मिलेगी।

अगर अकेला किसान अपनी पैदावार बेचने जाता है, तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, क्योंकि यहां बिचौलिए नहीं होंगे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक ये 10,000 नए एफपीओ 2019-20 से लेकर 2023-24 तक बनाए जाएंगे। इससे किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ेगी। इसलिए सभी किसानों को जल्दी से जल्दी एफपीओ से जोड़ना होगा।


हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

" संस्कार सृजन " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |

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