रीट लेवल 1 को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

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संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) राजस्थान में रीट भर्ती परीक्षा के लिए बीएड अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार की ओर से नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले पर जवाब मांगा है। ऐसे में अब 9 फरवरी तक होने वाले रीट के आवेदन में बीएड की योग्यता रखने वाले 9 लाख अभ्यर्थी शामिल नहीं हो सकेंगे। वहीं, इस मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी।

दरअसल, राजस्थान में रीट परीक्षा के लेवल वन में बीएड धारियों को शामिल करने के खिलाफ बीएसटीसी (बेसिक स्कूल टीचिंग कोर्स) अभ्यर्थियों ने 2 महीने तक आंदोलन किया था। इसके बाद यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट में पहुंचा था। जहां हाईकोर्ट ने बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बीएड अभ्यर्थियों को लेवल-1 से बाहर कर दिया था। लेकिन इसके बाद नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बीएड अभ्यर्थियों के समर्थन सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। बीएड अभ्यर्थियों को राहत नहीं मिल सकी।

एनसीटीई का नोटिफिकेशन, जिससे शुरू हुआ विवाद
एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने साल 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी कर बीएड डिग्रीधारकों को भी REET लेवल प्रथम के लिए योग्य माना था। एनसीटीई ने यह भी कहा था कि अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के साथ 6 माह का ब्रिज कोर्स करना होगा। एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। बीएड डिग्रीधारियों ने भी खुद को REET लेवल प्रथम में शामिल करने को लेकर याचिका लगाई। इस पर फैसला नहीं हो पाया। राजस्थान सरकार ने REET 2021 का नोटिफिकेशन जारी किया, तो उसमें बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ परीक्षा में बैठने दिया कि आखिरी फैसला हाईकोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगा।

बीएड डिग्रीधारी हुए लेवल-1 से बाहर
26 सितंबर को REET का आयोजन हुआ। इसमें लेवल-1 में लगभग 9 लाख बीएड योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी भी शामिल हुए। इसको लेकर बीएसटी अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू कर दिया। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई की गई। हाईकोर्ट के जज अकील कुरैशी और सुदेश बंसल की खंडपीठ ने एनसीटीई के नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद दोनों परीक्षा देने वाले करीब 9 लाख अभ्यर्थी लेवल-1 के लिए अयोग्य ठहरा दिए गए हैं।


कोर्ट के फैसले का क्या होगा असर
रीट लेवल -1 में बीएसटीसी के साथ बीएड डिग्री धारक को भी योग्य माने जाने पर कॉम्पिटिशन बढ़ गया था। ऐसे में बीएसटीसी के इस लेवल के योग्य अभ्यर्थी वंचित रह रहे थे। इस फैसले के बाद बीएसटीसी के उन अभ्यर्थियों को फायदा होगा जो इसमें योग्य है। कॉम्पिटिशन कम होने से बीएसटीसी के अभ्यर्थियों की भर्ती होगी।


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