रीट मामले में बोर्ड अध्यक्ष को बर्खास्त करने के बाद बोले गहलोत

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली को बर्खास्त करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि संगठित तरीके से पेपर लीक, नकल, ठगी में शामिल गिरोह चिंता का विषय है। इनकी जांच कर तह तक जाना जरूरी है। राज्य सरकार बजट सत्र में नकल, पेपर लीक आदि के संबंध में कठोर प्रावधानों का बिल लेकर आ रही है। हम युवाओं के हितों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। भविष्य में भर्ती परीक्षाएं बिना बाधा हो इसके सुझाव देने रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनाई जा रही है। अब जल्द ही जारौली की गिरफ्तारी हो सकती है।

एसओजी को जांच के लिए फ्री हैंड
गहलोत ने कहा- 'दुख की बात है कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए ऐसा माहौल बना रहे हैं जिससे कोई आगामी भर्ती परीक्षा ना हो सके। ये लोग लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। रीट परीक्षा के विषय में जब से सूचना मिली तब से SOG ने पूरी गंभीरता से जांच की है। राज्य सरकार ने SOG को जांच के लिए फ्री हैंड दिया है।'

गहलोत ने कहा- 'जिन लोगों की संलिप्तता पाई गई है उन्हें गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में सामने आई जानकारी के आधार पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। गड़बड़ी, कोताही,लापरवाही करने वाले सरकारी कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर बर्खास्त करने तक की कार्रवाई करेगी। परीक्षा का आयोजन करने वाले बोर्ड की जिम्मेदारी तय करते हुए चेयरमैन को बर्खास्त और सचिव को निलंबित किया गया है। राज्य सरकार परीक्षा में गड़बड़ी, कोताही और लापरवाही करने वाले हर व्यक्ति पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी। परीक्षा में शामिल किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।'

जारौली को बर्खास्त करने के आदेश जारी, अब गिरफ्तारी कभी भी
सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष पद से डीपी जारौली को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। शिक्षा विभाग ने आज दोपहर बाद जारौली को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। बर्खास्तगी के बाद अब एसओजी जारौली को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।

इससे पहले, रीट पेपर लीक मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को निलंबित कर दिया गया है। शनिवार सुबह कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर अरविंद कुमार सेंगवा के निलंबन के आदेश जारी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि पेपर लीक मामले में सेंगवा से भी पूछताछ हो सकती है। सूत्रों के अनुसार अन्य कई अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

शुक्रवार देर रात बैठक में यह भी फैसला हुआ कि पेपर लीक मामले में जो भी कर्मचारी लिप्त होगा, उसे तत्काल सस्पेंड किया जाएगा। कई कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। एसओजी की जांच में कई कर्मचारियों पर भी शक गहरा रहा है। इसके साथ ही रीट पेपर लीक मामले में ​हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी, यह कमेटी मौजूदा सिस्टम के लूपहोल ढूंढकर भविष्य में पेपर लीक रोक का फूलप्रूफ प्लान सुझाएगी। सीएम की अध्यक्षता में देर रात हुई बैठक में गृह और पुलिस के वरिष्ठ अफसरों के अलावा शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव भी मौजूद थे।

साफ संदेश कि पेपर लीक हुआ, सरकार ने चूक मानी

रीट में सरकार ने अब तक पेपर लीक नहीं माना है। शिक्षा मंत्री तक पेपर लीक मानने से इनकार कर चुके हैं, लेकिन बोर्ड अध्यक्ष की बर्खास्तगी ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि रीट में पेपर लीक और धांधली हुई है। अब विपक्ष के पास इस मुद्दे को उठाने का एक और प्रमुख आधार मिल गया है। विपक्ष रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग उठा रहा है। यह मांग और तेज होगी।

जारौली ने रीट कार्यालय में ही बनाया ठिकाना
एसओजी की दो दिन पहले पूछताछ और रीट पेपर लीक में नाम आने के बाद से बोर्ड अध्यक्ष जारौली मुख्य कार्यालय में नहीं बैठे। अध्यक्ष और सचिव अरविंद सेंगवा ने रीट कार्यालय को ही ठिकाना बना रखा था। सूत्रों का कहना है कि जारौली बुधवार को झंडारोहण के लिए ही बोर्ड कार्यालय आए थे। इसके बाद से वे यहां नहीं आए हैं। उनका कक्ष सूना पड़ा है।

तकनीकी शिक्षा मंत्री भी घेरे में
इस पूरे मामले में तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग भी घेरे में नजर आ रहे हैं। बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली इनके नजदीकी हैं, ऐसे में रीट पेपर मामले में गर्ग पर भी सवाल उठ रहे हैं। गर्ग ने कहा कि जारौली मेरे साथी शिक्षक रहे हैं। साथ में संगठन में काम किया है। रीट भर्ती से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। ये सब राजनीतिक तूल देने का मामला है।


ये है REET पेपर लीक मामला
31 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा(REET) 26 सितंबर को पूरे प्रदेश में हुई थी। 25 लाख अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा दी थी। पेपर के दिन ही गंगापुर सिटी एक पेपर परीक्षा से पहले वॉट्सऐप पर वायरल हो गया। एसओजी ने इसकी जांच की तो पता चला कि पेपर का लिफाफा खुला हुआ था। इस मामले में कुछ पुलिसवालों की भूमिका सामने आई। उनसे पूछताछ के बाद पृथ्वीलाल और बत्तीलाल को पकड़ा गया।

दोनों की गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि जालोर का भजनलाल विश्नोई इसका मास्टरमाइंड था। कुछ दिनों पहले एसओजी ने गुजरात से उसे भी गिरफ्तार कर लिया। भजनलाल की गिरफ्तारी के बाद से इसकी परत खुलती गई। मामला शिक्षा संकुल पर आ गया। जांच में सामने आया कि जयपुर स्थित शिक्षा संकुल के स्ट्रॉन्ग रूम से पेपर लीक हुआ। जयपुर जिले का कॉर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को बनाया गया था। यह नियुक्ति बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली ने ही की थी। सामने आया कि प्रदीप पाराशर अध्यक्ष डीपी जारौली का मित्र है। ऐसे में एसओजी की जांच अध्यक्ष जारौली तक पहुंच गई।


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