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संस्कार न्यूज़ @ राम गोपाल सैनी
टोक्यो (संस्कार न्यूज़) हरियाणा के भिवानी जिले की पहलवान विनेश फोगाट टोक्यो पहुंच चुकी हैं। पोलैंड ओपन में गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने ओलिंपिक में अपने दावे को पुख्ता किया है। इस बार पूरे देश को उनसे काफी उम्मीदें हैं । टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड पाने का सपना पूरा करने के लिए विनेश को जापान की मायू मुकाइडा, चीन की पैंग कियानयु और स्वीडन की सोफिया मैटसन को मैट पर पटखनी देनी होगी।
2014 में मिला था पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक
फोगाट ने नई दिल्ली में 2013 को हुई एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 51 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता। 2013 में ही दक्षिण अफ़्रीका के जोहानिसबर्ग में हुई राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में 51 किलो भार वर्ग में रजत पदक हासिल किया। 26 वर्षीय विनेश फोगाट ने 48 किलो भार वर्ग में ग्लासगो के 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके बाद उन्होंने गोल्ड कोस्ट 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में 50 किलोग्राम भार वर्ग में भी गोल्ड जीता।
2016 में रियो ओलंपिक में हो गई थी चोटिल
राष्ट्रमंडल खेलों में अपनी सफलता के बाद इस महिला पहलवान का नाम 2016 में रियो ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीदवारों में गिना जाने लगा, लेकिन क्वार्टर फाइनल के मुकाबले में घुटना फ्रैक्चर होने की वजह से विनेश का सपना पूरा नहीं हो सका। उनकी सर्जरी की गई और पांच महीने बाद ही वह मैट पर लौट सकीं। भारत सरकार ने कुश्ती में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।
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इस साल जीत चुकी है तीन गोल्ड
विनेश ने इस साल तीन गोल्ड मेडल जीते हैं। पोलैंड ओपन के अलावा उन्होंने मार्च में माटियो पेलिकोन और अप्रैल में एशियाई चैंपियनशिप का खिताब भी अपने नाम किया था। उन्होंने कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में हुई 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में अपना ओलिंपिक स्थान पक्का किया। इसके अलावा कांस्य पदक जीतकर वर्ल्ड चैंपियनशिप इवेंट में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
बचपन रहा है कठिनाई भरा
विनेश फोगाट का जन्म भिवानी के बलाली गांव में हुआ। जमीन विवाद में उनके पिता राजपाल की हत्या कर दी गई । उन्होंने अपने चाचा महावीर सिंह फोगाट से पहलवानी के गुर सीखे। महावीर फोगाट प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच और महिला पहलवानों गीता और बबीता फोगाट के पिता हैं।
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