सिद्धपीठ वीर हनुमान धाम पर्वत सामोद में श्रद्धालुओं ने गुरु का आशीर्वाद लिया

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ राम गोपाल सैनी

सामोद (संस्कार न्यूज़) भारतीय सनातन परंपरा में गुरु का स्थान ईश्वर के समक्ष माना गया है मानव जीवन को गुरु ही ऐसी राह दिखाता है जिस पर चलकर वह अपने जीवन का निर्वहन करता है | उसी गुरु को याद करने की परंपरा में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर चौमूं क्षेत्र के कई स्थानों पर गुरु चरण वंदन कार्यक्रम संपन्न हुए |

"गुरुर: ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा, गुरुर साक्षात परम ब्रम्ह तस्मै गुरु गुरुवे नमः" मंत्र की गूंज के साथ भक्तों ने अपने गुरु के चरणों में शीश नवाया|  कुछ नए शिष्यों  ने इस दिन अपने लिए योग्य गुरु को भी चुना तो गुरु ने भी अपने नए शिष्यो को गुरु मंत्र दिया |

वीर हनुमान धाम समोद पर्वत पर महंत जगद्गुरु अवध बिहारी देवाचार्य के सानिध्य में शुरू महोत्सव में भाग लेने दूरदराज के क्षेत्रों से गुरु भक्त गुरुधाम पहुंचे | सर्वप्रथम जगत गुरुदेव आचार्य ने अपने गुरु गंगा दास जी महाराज के चरण पादुका की पूजा अर्चना कर पूजन षोडशोपचार विधि से किया | 

उन्होंने कहा कि गुरु अंधेरे को मिटाने वाला, गुरु आत्मा से परमात्मा का मिलन कराने वाला वह माध्यम है जिसके बिना यह मिलन आसान नहीं | गुरु पूजा का यह अर्थ नहीं कि फल, फूल, नैवेध लेकर धूप दीप का थाल सजाकर बैठ गए | गुरु की आरती उतारना, यह तो ब्रह्म पूजा है, वास्तविक पूजा है जो गुरु की आज्ञा है उसका पालन करना | गुरु के उपदेशों का जीवन में आचरण करना! कौन होते हैं गुरु, क्या करते हैं गुरु, क्यों बनाए जाते हैं गुरु, पहली बात गुरु किसे कहते हैं, गू का अर्थ है अहंकार और रू का अर्थ है रोकने वाला अर्थात जो ज्ञान रूपी अंधकार को रोकते हैं वे गुरु कहलाते हैं | महाभारत के प्रसंगों का उदाहरण देते हुए बताया कि प्रथम गुरु व्यास है ,इसलिए आज के दिन को व्यास पूर्णिमा कहा जाता है | 

इस मौके पर भक्तजनों ने गुरु महाराज के भेंट स्वरूप पांचों कपड़े ,श्रीफल, पुष्पमाला श्रद्धा अनुसार भेंट कर गुरु पूजन किया गया | इसी के साथ गुरु शिष्य के बीच आदर समर्पण स्नेह का पर्व गुरु पूर्णिमा को यहां श्रद्धा पूर्वक के साथ विभिन्न संप्रदायों के गुरुजनों का श्रद्धा के साथ पूजन किया गया |

इसी क्रम में महामाया खोल सामोद के श्री राधा माधव मंदिर परिसर स्थित परमहंस सुंदर दास महाराज के आश्रम में महंत कृष्ण दास महाराज के सानिध्य में कार्यक्रम हुए| सामोद स्थित खेड़ापति आश्रम में महामंडलेश्वर प्रेमदास महाराज के सानिध्य में कार्यक्रम हुआ |

नरसिम्हा मंदिर के महंत रामेश्वर दास महाराज व महार कला स्थित प्राचीन मलेश्वर नाथ मंदिर मैं पुजारी महेश व्यास के सानिध्य में गोळ्यावाला स्थित प्रसिद्ध नागा आश्रम पर महंत सागर पुरी महाराज के सानिध्य में दत्तात्रेय भगवान की पूजा अर्चना वह समाधि की पूजा अर्चना की गई|  सभी स्थानों पर सादगी के साथ गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया | भक्तों ने मास्क सेनेटाइजर व दो गज की दूरी का पालन कर कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए मंदिर में प्रवेश किया |

- रिपोर्ट : बीएल भंडारी 


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