नशा नाश की जड़ है - डा. छापरवाल

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ राम गोपाल सैनी

उदयपुर (संस्कार न्यूज़) राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड मंडल,स्थानीय संघ एवं  रायन इंटरनेशनल स्कूल उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में में विश्व धूम्रपन निषेध दिवस के अवसर पर कोविड -19 दिशा निर्देश का पालन करते हुए वर्चुअल वेबिनार मेवाड़ अस्पताल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. मनीष छापरवाल के मुख्य आतिथ्य में आयोजन किया गया। 

सुरेंद्र कुमार कुमार पाण्डे सी.ओ स्काउट मंडल उदयपुर नें जानकारी देते हुए बताए की इस वर्चुअल वेबिनार में जिले भर से  सैकड़ों कब,बुलबुल,स्काउट, गाइड रोवर,रेंजर सहित उनके प्रभारी एवं अभिभावको ने बढचढ कर हिस्सेदारी निभाई। 

बतौर वेबिनार के मुख्य अतिथि पद से डॉक्टर मनीष छपरवाल ने अपने उद्बोधन में स्काउट गाइड को संबोधित करते हुए कहा के  वास्तविक जीवन में रील लाइफ हीरो नहीं अपितु रीयल लाईफ हीरो बनने का लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक है। जो कि आज की युवा पीढी भूलती जा रही है। 

आज देश की युवा पीढी सिगरेट के धुंऐ के छ्ले बनाकर उडाना अपना स्टेट्स सिंबल मानने पर आमदा है,जो कि हकिकत लाईफ से कोशों दूर है। जब तक समझ मे आता है तब तक सब कुछ बर्बाद हो चुका होता है नतीजन केंसर,फेफडो़,श्वास,दांत मसूढो आदि की बीमारियां घेर लेती है जिससे न केवल धूम्रपान करने वाला व्यक्ति शारीरिक बल्कि मानसिक एवं सामाजिक रुप से भी कमजोर होकर अपना सर्वस बर्बाद करते हुऐ अपने हाथों से अपने आपको मौत के मुंह में धकेलने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है। 

मंहगे इलाज से परिवार आर्थिक तंगी से टूट जाता है ओर अपने परिवार के प्रियजन को भी कभी कभी खोने को मजबूर हो जाता है। उन्होने  इस मौके युवा पीढी को आहवान करते हुऐ कहा कि  जीवन अनमोल है, जो बार- बार नहीं मिलता, विशेषकर युवा पीढी अपने जीवन में रील लाइफ के हीरो, हिरोईन की बजाय रीयल लाइफ में अपने माता पिता ओर शिक्षक गुरुजन को रोल माडल माने यही आज के समय की प्रमुख मांग भी है। इतिहास गवाह है कि माता पिता ओर गुरु अपने बच्चों एवं शिष्यों को हमेशा प्रगति ही देखना चाहते हैं। इस लिए अपने से बड़ो, माता परिवार एवं गुरुजन का सदैव सम्मान एवं आदर करो, यही जीवन में आगे बढने का मूल मंत्र है।

इस अवसर पर डॉ.अमीश व्यास  (प्लास्टिक सर्जन,) ने भी तंबाकू के सेवन के बुरे प्रभावों के बारे में ज्ञान वर्जन कर जागरूक किया। धुम्रपान करना निश्चत ही बरबादी के दरवाजे पर दस्तक देने के समान है

इस अवसर पर सी.ओ स्काउट सुरेंद्र कुमार पाण्डे ने अपने व्याख्यान में बताया की धूम्रपन निषेध दिवस के शुरुआत 1987 में हो गयी थी लेकिन 1986  में पहली बार धुम्रपान निषेध दिवस का आयोजन किया गया। तब से आज दिन तक सरकार प्रति वर्ष धूम्रपन निषेध दिवस का आयोजन कर आमजन को इसके प्रति जन जागरूकता कर इसके दुष्परिणामों से बचाने के लिए प्रयास कर रही है। 

उन्होने बच्चों, युवा पीढी ओर बुजुर्गो को धूम्रपान से दूर रहने के उपाय की जानकारी देते हुए कहा कि पहले समझाईश फिर दूसरे चरण में धुम्रपान करने वाले लोगों को पोस्टर मे दिये गये धुम्रपान के दुष्परिणामों से हुई स्थिति का अवलोकन करवाते हुऐ उन्हे उन पोस्टर के चित्र में धुम्रपान करने वाले व्यक्ति का खुद की तस्वीर का इमेजिन करने के लिए जरुर बताये कि आज यह तो कल इस पोस्टर मे आपका उदाहरण हो सकता है, अब भी समय है संभल जायें। "आज यह तो कल आप"

उन्होने अपने व्याख्यान में यह भी बताया कि धूम्रपन जो की टीबी,फैफडो़,कैंसर,दांतो,मसूढो के लाईलाज रोगो को पनपा कर उस परिवार की आर्थिक तंगी, धुम्रपान करने वाले व्यक्ति की मानसिक एवं सामाजिक स्तर को गिराने मे कोई कसर नही छोड़ता है। यह निश्चित है कि धुम्रपान करने से जीवन में हर प्रकार से नुकसान ही होना है तो फिर  उसे क्यों ही किया जाये। यही आज के धुम्रपान निषेध दिवस आयोजन का प्रमुख चिंतन बनते हुऐ इसकी सार्थकता साबित करे।

इस अवसर पर स्थानीय संघ  उदयपुर के सचिव सैम्युल फ्रांसिस, रायन इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल विनीता पारीक,ने अतिथियों का शाब्दिक स्वागत कर अपने विचार व्यक्त किये। वंही वर्चुअल सेमिनार का संचालन  रायन इंटरनेशनल स्कूल की गाइड शालिनी आजाद एवं  निधि श्रीमाली ने किया। 

स्थानीय संघ के सचिव सैम्युल फ्रांसिस ने बताया कि वर्चुअल वेबिनार में जिले एवं स्थानीय संघ के अधीनस्थ विभिन्न राजकीय एवं निजी शिक्षण संस्थानों के कब,बुलबुल, स्काउट, गाइड, रोवर, रेंजर ने धूम्रपन के दुष्परिणाम पर अपनी अपनी अभिव्यक्ति पोस्टर, निबंध,कविता और भाषण के मध्यम से दी है। जिसके लिए उन्होने सभी को धन्यवाद दिया। 

 वर्चुअल वेबिनार में सुरेंद्र कुमार पाण्डे सी ओ स्काउट, स्थानीय संघ उदयपुर के सचिव सैम्युल फ्रांसिस, ट्रेनिंग काउंसलर खेमराज मेघवाल, निर्भय सिंह राठौड़, किरण पोखरना,कल्पना धर्मवत, मनीषा दीक्षित, वंही स्थानीय संघ बड़गांव से सचिव किशन लाल सालवी,भीण्डर से गणपत लाल मेनारिया, वल्लभनगर से वासुदेव आमेटा, राजसमंद के सहायक लीडर ट्रेनर स्काउट राकेश टांक आदि नें उपस्थित रहकर आवश्यक सहयोग प्रदान कर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होने इस अवसर पर सभी को धुम्रपान नही करने के लिए संकल्प दिलाया। 

पाण्डे ने बताया कि आज जिले भर में इस अवसर पर विविध आयोजन की श्रंखला में वार्ता, व्याख्यान, निबंध,भाषण, पोस्टर,ड्राईंग प्रतियोगिताओं, वृक्षारोपण, सार-संभाल,पशु पक्षियों के लिए दाना पानी, चुग्गा पात्र, परिण्डा अभियान, योगा आदि कार्यक्रम आयोजित किये गये।

कार्यक्रम के अंत में  गाइडर शालिनी आजाद ने वर्चुअल वेबिनार में अपना अमूल्य समय देने वाले अतिथियों एवं वार्ताकार संभागियों का शाब्दिक आभर प्रकट किया।


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