पढ़िए जिया की जुबानी, पपला की प्रेम कहानी

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ @ राम गोपाल सैनी 

अलवर (संस्कार न्यूज़) गैंगस्टर पपला गुर्जर की गर्लफ्रेंड जिया अलवर की सेंट्रल जेल से रिहा हो गई। जेल से बाहर आते ही जिया फूट-फूटकर रोने लगी। उसके पिता चांद सिकलगर ​​​बेटी को लेने ​​​​अलवर पहुंचे थे। अलवर सेन्ट्रल जेल से बाहर आई तो रोते हुए उसने बताया कि कैसे वह पपला के चक्कर में फंसी।

‘मैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर की एक जिम में ट्रेनर थी। पहली बार पपला से मेरी मुलाकात पिछले साल 13 दिसंबर को हुई। उसने अपना नाम मानसिंह यादव बताया। खुद को दिल्ली का रहने वाला और बिजनेसमैन बताया। उसने बताया था कि वह लॉकडाउन की वजह से कोल्हापुर में फंस गया है। फिर कुछ दिन जिम में ही थोड़ी-बहुत बात होती रही। एक दिन उसने मुझे खुद का जिम खोलने की सलाह थी। यह भी कहा कि रुपयों की व्यवस्था वह कर देगा। इसके बाद से ही हम दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगीं।’

जिया ने कहा, ‘पपला किराए के कमरे में रहता था। लेकिन, उसका रहन-सहन बहुत अच्छा और सादगी भरा था। उसने कहा था कि वह सिर्फ 5 वीं पास है। मैं भी तलाकशुदा थी। मेरी पहली शादी 2014 में भोपाल में एक नवाब फैमिली में हुई थी। लेकिन, पति का किसी और लड़की से अफेयर था। इस वजह से मैंने उससे तलाक ले लिया। इसके बाद कोल्हापुर में एक जिम ट्रेनर बनकर रहने लगी। जिम में मुझे हर महीने करीब 30 से 35 हजार रुपए मिल जाते थे। साथ ही बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटिशन की तैयारी करती थी।’

जिया कहती है, ‘मैं 13 दिसंबर 2020 को पपला से मिली और इस साल 28 जनवरी को पपला के साथ पकड़ी गई। उस रात मैं पपला के किराए के मकान में थी। रात करीब 12 बजे पुलिस पहुंची। जिस कमरे में हम थे, बाहर से कुंडी लगाकर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। तब तक मुझे नहीं पता था कि ये हो क्या रहा है ? पुलिस से पहली बार मुझे पता चला कि पपला एक बड़ा अपराधी है। मैंने तब पहली बार उसका नाम पपला सुना था। मैं उसे मान के नाम से बुलाती थी। उस रात पपला छत से नहीं कूदा था। उसके पैर में कैसे चोट लगी? यह बात मुझे नहीं पता।

जिया ने आगे कहा, ‘पपला के साथ पकड़े जाने का मुझे बहुत दुख हुआ। उस समय कोई लेडी पुलिस भी नहीं थी। मुझे डर लग रहा था। लेकिन, जेल में आने के बाद मैंने खुद को कंसन्ट्रेट किया। जेल में रहते हुए मैंने रामायण पढ़ी। जिस तरीके से रावण ने सीता की आंखों में धूल झोंकी, उनके साथ विश्वासघात किया, ठीक उसी तरह पपला ने मुझे ठगा। झूठ बोलकर अंधकार में रखा। रामायण के अलावा मैंने और भी किताबें पढ़कर समय गुजारा। अपनी फिटनेस पर भी थोड़ा बहुत ध्यान दिया। कुछ समय जेल में बंद अन्य महिलाओं से बातचीत करती जिससे समय कट जाता।’

जेल से बाहर आने के बाद जिया ने कहा, ‘मुझे पपला से कोई सहानुभूति नहीं है। पपला ने मुझसे सब छुपाया। मुझे झूठ बोलना पसंद भी नहीं है। मैंने उसे अपने बारे में सब सच बताया था। लेकिन, मुझे पता चला कि उसका पूरा परिवार परेशान है। इसलिए उसके परिवार से मुझे सहानूभूति है। मैंने पपला से शादी करने की बात नहीं कही थी। जब उसके वकील मुझसे मिलने आए तो मैंने पपला के हाल के बारे में पूछा जरूर था। उससे शादी करने को लेकर अभी मैंने कुछ नहीं सोचा।’


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