47 साल बाद सोमवती पूर्णिमा को मनेगा रक्षाबंधन पर्व

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !


मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !


संस्कार न्यूज़ @ राम गोपाल सैनी / गोविंद सैनी 


चौमूं @ (संस्कार न्यूज़ ) पंडित रविंद्र आचार्य ने बताया की रक्षाबंधन का पर्व इस बार सोमवती पूर्णिमा पर मनाया जाएगा | यह 47 साल बाद होगा | इससे पहले वर्ष 1973 में इस तरह का योग बना था | साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग व दीर्घायु आयुष्मान योग में राखी बांधने के शुभ मंगल मुहूर्त पर भद्रा का कोई साया नहीं होगा | आचार्य ने बताया कि 29 वर्ष पहले तिथि वार और नक्षत्र का यह संयोग वर्ष 1993 में बना था | इस संयोग से कृषि क्षेत्र के लिए विशेष फलदाई योग बन रहा है |



पंडित रविंद्र आचार्य ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है | पौराणिक कथा के अनुसार राजसुय यज्ञ के समय भगवान कृष्ण को दौपदी ने रक्षा सूत्र के रूप में अपने आंचल का टुकड़ा बांदा था | इसी के बाद से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा शुरू हो गई | रक्षाबंधन के दिन ब्राह्मणों के द्वारा अपने यजमानों को राखी बांध कर उनकी मंगलकामनाएं की जाती है | इस दिन विद्या आरंभ करना शुभ माना जाता है |


राखी बांधने का मुहूर्त सोमवार 3 अगस्त पूर्णिमा को संपूर्ण दिन प्रातः 9 बज कर 29 मिनट  के बाद भद्रा रहित सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा | चौघड़िया के हिसाब से राखी बांधने वाले दिन 9 बजकर 29 मिनट से 10  बजकर  54 मिनट तक | शुभ के चौघड़िया में दोपहर 2  बजकर 12 मिनट से शाम  7 बजकर 10 मिनट चर लाभ, अमृत के चौघड़िए में अभिजीत मुहूर्त दोपहर के 12 बजकर 6 मिनट से 12 बज कर 59 मिनट तक भी राखी बांध सकते हैं |


हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |


" संस्कार न्यूज़ " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |



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