डॉ. सत्यनारायण सिंह ‌द्वितीय स्मृति व्याख्यान का हुआ आयोजन

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

-डॉ. सत्यनारायण सिंह आई.ए.एस. (आर.) की वेवसाईट और पुस्तकों का हुआ लोकार्पण

जयपुर (संस्कार सृजन) पूर्व आई.ए.एस. स्व. डॉ. सत्यनारायण सिंह की द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर राजस्थान इन्टरनेशनल सेंटर में डॉ. सत्यनारायण सिंह ‌द्वितीय स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि व मुख्यवक्ता प‌द्म भूषण डॉ. डी आर मेहता ने "शासन ओर मानवता" विषय पर बोलते हुए अपने उ‌द्बोधन में कहा कि "शासन का तात्पर्य मात्र प्रशासनिक संरचना, नीतियों एवं कानूनों से नहीं है, बल्कि यह उस दृष्टिकोण और कार्यप्रणाली का प्रतीक है जिससे एक राज्य या संस्था अपने नागरिकों की आवश्यकताओं अधिकारों और गरिमा का सम्मान करते हुए कार्य करती है। जब शासन की प्रक्रिया में मानवता का भाव जुड़ जाता है, तब वह मात्र नियंत्रण नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम बन जाती है। मानवता केंद्रित शासन का आशय है दृढ़ निर्णयों में संवेदनशीलता, योजनाओं में सहभागिता और कार्यप्रणाली में करुणा। यह वह विचार है जहाँ नीति का आधार आंकड़े नहीं, इंसान होते हैं।

जब एक प्रशासक, नेता या कोई भी शासकीय तंत्र यह समझने लगे कि उसके निर्णय किसी समाज, परिवार या व्यक्ति के जीवन को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं, तब ही वास्तविक लोकतांत्रिक शासन की शुरुआत होती है। शासन ऐसा हो जिसमें वंचितों, पिछड़ों और असहायों के प्रति विशेष संवेदना की भावना हो। विकास की दौड़ में न्याय और समानता को प्राथमिकता व हर निर्णय में नैतिकता और पारदर्शिता को महत्त्व देता हो। संवाद और सहमति के आधार पर सामाजिक विश्वास बढता है।

आज के समय में जब वैश्विक चुनौतियाँ और सामाजिक असमानताएँ बढ़ रही हैं, "मानवता पर आधारित शासन" की आवश्यकता और अधिक प्रासंगिक हो गई है। शासन यदि केवल शक्ति का प्रदर्शन बन जाए और उसमें सेवा, संवेदना और न्याय का स्थान न रहे, तो वह समाज के लिए बोझ बन जाता है।

स्व. डॉ. सत्य नारायण सिंह को अपने युग का धुरन्दर व कुशल प्रशासक बताया। उन्होंने सेवानिवृत्ति के पश्चात भी लेखनी में सक्रिय रहे। उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए लेख, स्तंभ और संपादकीय लेख निरंतर लिखे। एक समर्पित और कुशल प्रशासक के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान उन्हें देश-विदेश की कई महान विभूतियों से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ।

"जीवन के निर्मल सत्य पुस्तक स्व डॉ. सत्य नारायण सिंह के जीवन के विभिन्न पहलुओं, परिवार, प्रशासन, समाजसेवा, और निजी अनुभवों पर आधारित है। इसमें उनके अपने हाथों से लिखे गए अंश, व्यक्तिगत डायरी से चुने गए विचार, तथा वे घटनाएं व प्रसंग भी सम्मिलित हैं, जिन्हें उन्होंने समय-समय पर अपने मित्रों, पारिवारिक सदस्यों, विश्वस्त सहयोगियों, शुभचिंतकों और स्टाफ से मौखिक रूप में साझा किया। विशिष्ट अथिति व समाज सेवी डॉ. रामचंद्र यादव ने अपने उ‌द्बोधन में कहा कि आज की सबसे बडी आवश्यकता है, ऐसा शासन जो नीतिगत रूप से सशक्त हो, लेकिन भावनात्मक रूप से भी मानवीय हो। यही सच्चे लोकतंत्र, सतत विकास और समरस समाज की बुनियाद है।

उन्होंने कहा कि डॉ. सत्य नारायण सिंह जी द्वारा वर्षों तक अपनी निजी डायरी में लिखे गए अनुभवों, विचारों और जीवन-संस्मरणों का संकलन "जीवन के निर्मल सत्य" नामक पुस्तक में प्रस्तुत किया। यह एक विशेष, भावनात्मक और आत्मिक अनुभूति है। यह न केवल उनके जीवन की एक अमूल्य झलक है, अपितु एक ईमानदार, कर्मनिष्ठ, राष्ट्रसेवक और संवेदनशील मानव की आत्मस्वीकृतियों और अनुभवों का दस्तावेज़ भी है। सेवानिवृत्ति के उपरांत उन्होंने अपने आपको सामाजिक सरोकारों के कार्यों में पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया।

इस अवसर पर राष्ट्र के महान व्यक्तियों पर स्व. डॉ. सत्य नारायण सिंह द्वारा लिखे आलेखों का संग्रह "भारत के युग पुरुष" पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तक का सम्पादन कार्य स‌द्दीक अहमद (लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार) एवं सह संपादन हेमंत कुमार शर्मा ने किया। साथ ही इस अवसर पर डॉ. सत्यनारायण सिंह आई ए.एस. (आर.) की वेबसाईट का लोकार्पण भी किया गया जिसमें डा. सत्यनारायण सिंह के विषय में समस्त जानकारी उपलब्ध रहेगी।

इस अवसर पर निर्मला सिंह, इंजीनियर सीताराम सैनी, डा. रिपुन्जय सिंह, प्रो. बी. एम शर्मा पूर्व अध्यक्ष आरपीएससी, एम एल कुमावत रिटा आईपीएस, राजीव अरोडा, सनी सबेस्टियन, पूर्व कुलपति- हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्ववि‌द्यालय, आर एस जाखड रिटा आई.ए.एस., सत्येन चतुर्वेदी, भरत कुदाल, कृष्ण शर्मा, फारूख आफरीदी, स‌द्दीक अहमद, हेमन्त कुमार शर्मा, राधेश्याम उपाध्याय आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे ।

किसी भी कार्यक्रम को लाइव दिखाने के लिए संपर्क करें - 9214996258,7014468512.

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1. रात को दुर्घटना से बचने के लिए अपनी गाड़ी को लो बीम में चलाएँ !

2. खुले कुओं और नलकूप को जल्द से जल्द बंद करवाएं !

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1. हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदो की सेवा कर सकते हैं | 

2. पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

3. जीवन में आप इस धरती पर अपने नाम का एक पेड़ जरूर लगाएँ |

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