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संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
जयपुर (संस्कार सृजन) मध्य एवं पश्चिम क्षेत्रों का संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन कल 17 फरवरी को जयपुर प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केन्द्र (जेईसीसी), जयपुर में किया जा रहा है। समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय,राजस्थान के उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेम चन्द बैरवा एवं दिया कुमारी की उपस्थिति रहेगी। कार्यक्रम में मंजु शर्मा, संसद सदस्य, लोकसभा और मदन राठौड़, संसद सदस्य, राज्यसभा भी उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन में राजभाषा विभाग की सचिव सहित बड़ी संख्या में केंद्र सरकार के कार्यालयों/बैंकों/उपक्रमों आदि के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। यह जानकारी राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी जौली ने आज जयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
समारोह में मुख्य अतिथि राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा इन क्षेत्रों में स्थित विभिन्न कार्यालयों, बैंकों एवं उपक्रमों को विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत राजभाषा में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों (नराकासों) को नराकास राजभाषा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण पत्र तथा शील्ड देकर सम्मानित किया जाएगा। कल प्रदान किए जाने वाले पुरस्कारों की कुल संख्या 110 है। इन पुरस्कारों का चयन सूचना प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से प्राप्त तिमाही प्रगति रिपोर्ट के आधार पर किया जाता है।डॉ. मीनाक्षी जौली ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रेरणा से जहां एक ओर अमृत काल में देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है, वहीं दूसरी ओर राजभाषा हिंदी के विकास एवं प्रयोग में वृद्धि के साथ-साथ भारतीय भाषाओं की समृद्धि से ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘विकसित भारत’ का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
डॉ. जौली ने बताया कि बदलते हुए समय की आवश्यकताओं के अनुसार हिंदी को तकनीकी दृष्टि से समृद्ध और व्यापक बनाने के लिए तथा देश की मातृभाषाओं के विस्तार व विकास के लिए राजभाषा विभाग ने अनेक नवोन्मेषी कार्य किए हैं। इनमें वर्ष 2021 से हर वर्ष हिंदी दिवस पर व्यापक स्तर पर ‘अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन’ आयोजित किया जाना तथा डिजिटल शब्दकोश ‘हिंदी शब्द सिंधु’ का निर्माण प्रमुख हैं।
डॉ. जौली ने बताया कि राजभाषा विभाग सरकारी काम-काज में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है और इसी क्रम में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में देश के अलग-अलग भागों में चार क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। यह वर्ष 2024-25 का दूसरा आयोजन है। इससे पहले 04 जनवरी, 2025 को मैसूरु, कर्नाटक में इस वर्ष का पहला क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
डॉ. जौली ने बताया कि हिंदी के प्रयोग के आधार पर देश को ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है और इन क्षेत्रों में संघ की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन एवं राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए, देश भर में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियां और राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय के अधीन 08 क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय कार्यरत हैं। सम्मेलन उत्तर-1, उत्तर-2, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्रों का संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन होगा। उत्तर-1 क्षेत्र में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, चंडीगढ़ एवं राजस्थान शामिल हैं, उत्तर-2 क्षेत्र जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं, मध्य क्षेत्र में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ हैं तथा पश्चिम क्षेत्र में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और दमण दीव, दादरा एवं नागर हवेली शामिल हैं ।
इस प्रेस वार्ता में गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग के संयुक्त निदेशक राजेश श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक के.पी शर्मा, उपसचिव अनिल कुमार, केंद्रीय संचार ब्यूरो के सहायक निदेशक संतोष वेंकटरमन, पत्र सूचना कार्यालय के मीडिया एवं संचार अधिकारी आशीष वर्मा व पत्रकारगण मौजूद रहे।
भारतीय संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में अंगीकार किया गया। संघ की राजभाषा हिंदी है और लिपि देवनागरी है। राजभाषा संबंधी सांविधानिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने और संघ के सरकारी काम-काज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए जून 1975 में राजभाषा विभाग की स्थापना गृह मंत्रालय के एक स्वतंत्र विभाग के रूप में की गई थी।
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