जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
ब्रिटेन (संस्कार सृजन) ब्रिटेन की एक कंपनी को वर्क फ्रॉम होम की मांग को खारिज करना भारी पड़ गया है। दरअसल कंपनी ने एक प्रेग्नेंट महिला की इस मांग को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्हें महिला को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देना पड़ गया। बर्मिंघम स्थित रोमन प्रॉपर्टी ग्रुप लिमिटेड में काम करने वाली पाउला मिलुस्का ने प्रेग्नेंसी से संबंधित दिक्कतों की वजह से घर से काम करने देने की इजाजत मांगी थी। हालांकि कंपनी ने ना सिर्फ पाउला को इसकी इजाजत नहीं दी, बल्कि उसे नौकरी से ही निकाल दिया।
जानकारी के मुताबिक कंपनी के बॉस ने कंपनी के संघर्षों का हवाला देते हुए एक टेक्स्ट मैसेज भेजकर पाउला को काम से निकाल दिया। हालांकि एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल को यह बात रास नहीं आई। उन्होंने पाउला को काम से निकाले जाने को भेदभावपूर्ण माना और कंपनी को पाउला को 94,000 पाउंड यानी लगभग 1 करोड़ का मुआवजा देना पड़ा।
इससे पहले पाउला ने मार्च 2022 में कंपनी ज्वाइन की थी। उन्होंने उसी साल अक्टूबर में बॉस को अपनी स्थिति के बारे में बताया था। पाउला के मुताबिक अगले महीने से उसकी दिक्कतें बढ़ गईं और सीरियस मॉर्निंग सिकनेस की वजह से ऑफिस में काम करना मुश्किल हो गया। इसके बाद उसने जांच और डॉक्टरों की सलाह का हवाला देते हुए बॉस से घर से काम करने की इजाजत मांगी जिसे ठुकरा दिया गया। वहीं ट्रिब्यूनल ने पाया कि पाउला की बर्खास्तगी सीधे गर्भावस्था से जुड़ी थी, जो गैरकानूनी है और कंपनी को मुआवजा देने का आदेश दिया।
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