जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
जयपुर (संस्कार सृजन) हाई एन्यूटी मॉडल पर प्रदेश के समूचे विद्युत वितरण तंत्र को ठेके पर देकर किये जा रहे निजीकरण के खिलाफ बिजली निगमों के सभी श्रमिक संगठन लामबंद हो गए है। सभी बिजली निगमों मे ताबड़तोड़ किये जा रहे निजीकरण के चलते बिजली कर्मचारियों में सरकार के प्रति गहरी नाराजगी एवं अपने भविष्य को लेकर भय व्याप्त है | नतीजन सभी यूनियनों ने जयपुर में मीटिंग कर संयुक्त आंदोलन का निर्णय लिया है।
कर्मचारियों का आरोप है कि घाटे के आंकड़ों मे हेरफेर कर सार्वजनिक बिजली निगमों को बदनाम करते हुए बड़े पूँजी पतियों को बिजली व्यवस्था बेची जा रही है। उत्पादन निगम मे जॉइन्ट वेंचर के जरिये पूर्व से स्थापित राज्य की विद्युत उत्पादन इकाईयों का निजीकरण किया जा रहा है | प्रसारण निगम मे ग्रिड सब स्टेशन को कलस्टर सिस्टम पर ठेके पर दिया जा रहा है एवं वितरण निगमों मे एमबीसी मॉडल के जरिये निजीकरण किया जा रहा है। बिजली निगमों मे करीब 66 हजार करोड़ के ठेके जारी किये जा रहे हैं लेकिन स्टेक होल्डर कर्मचारियों से कोई वार्ता नहीं की जा रही।
कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि निजीकरण से सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा होगा जबकि प्रदेश के लाखों गरीब घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलेगी। निजीकरण के खिलाफ लामबंद संगठनों ने निर्णय लिया है कि 25 नवंबर को उपखण्ड स्तर पर एवं 29 नवंबर को वृत्त स्तर पर पूरे प्रदेश मे कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे। सभी संगठनों की संयुक्त संघर्ष समिति ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग अलोक से विद्युत भवन मे मुलाक़ात ज्ञापन सौंपा एवं निजीकरण नहीं करने की मांग की | इस पर उन्होंने जल्दी ही संयुक्त संघर्ष समिति से विस्तृत चर्चा कर समाधान करने का भरोसा दिया। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यदि निजीकरण नहीं रोका गया तो प्रदेश मे बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
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