जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
जयपुर (संस्कार सृजन) राजस्थान विश्वविद्यालय, खेल परिसर में मेजर ध्यानचंद की जयंती राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनायी गयी | राजस्थान विश्वविद्यालय, खेल बोर्ड में चल रहे "खेल महोत्सव" में आज मेजर ध्यानचंद जी के जन्मोत्सव पर विशेष आयोजन किया गया।
खेल सचिव, डॉ. प्रीति शर्मा ने बताया कि समारोह की अध्यक्ष एवं राजस्थान विश्वविद्यालय कुलपति, प्रो. अल्पना कटेजा ने अतिथियों के साथ मेजर ध्यानचंद जी की प्रतिमा का माल्यार्पण कर सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
समारोह के मुख्य अतिथि पंकज चौधरी, आई.पी.एस राजस्थान पुलिस ने अपने उद्बोधन में बताया कि अनुशासन के बिना जीवन की ऊंचाइयों को प्राप्त नहीं कर सकते हैं | इसके लिए हमें अपने व्यक्तित्व में सुधार लाने की जरूरत है जिसके लिए खेल सबसे उपयुक्त मार्ग है। इस समारोह के विशिष्ठ अतिथि मुकेश गौरा, वुशु ऐथलीट ने अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम सभी को राष्ट्रीय खेल दिवस की शुभ कामनाएं दी और खिलाडियों को खेल खेलने के साथ-साथ खेल को अपने कैरियर के रूप में अपनाने का संदेश भी दिया।
प्रो. अल्पना कटेजा ने अपने उद्बोधन में कहा कि खेल निश्चित रूप से तनाव को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं और बताया की शारीरिक गतिविधि करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे तनाव से मुक्ति मिलती है। खेल सचिव, डॉ. शर्मा ने यह भी बताया की इस अवसर पर राजस्थान विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हो चुके प्रशिक्षक आर.एल. माडिया, जयनारायण पूनीया, हजिन्द्र सिंह बरार का खेल बोर्ड राजस्थान विश्वविद्यालय में विशेष योगदान देने के लिए सम्मान किया गया। इन सभी प्रशिक्षकों ने अपने कार्यकाल की अवधी में सैकडों ही खिलाड़ियों को तैयार किया जिन्होने राज्य एंव देश का मान-सम्मान व गौरव बढ़ाया।
समारोह में सुरेन्द्र मीना, शारीरिक र्निदेशक ने सभी को कम से कम 30 मिनट प्रतिदिन शारीरिक गतिविधियां करने के लिए शपथ दिलवाई। इस समारोह में हॉकी, वॉलीबॉल, किकेट एंव अन्य मनोरंजक खेलों में राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारीयों, शोधर्थीयों एवं छात्रों ने भाग लिया।
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