जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
जयपुर (संस्कार सृजन) खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग ने विदेशी कंपनी प्राइस वाटर हाउस कूपर कमेटी (पीडब्ल्यूसीद्ध) की रिपोर्ट के आधार से खादी संस्थाओं को मिलने वाली सहायता में बदलाव कर दिया है। इससे खादी संस्थाओं को मिलने वाली कार्यशील पूंजी आधी से भी कम रह जाने वाली है। इसका सीधा असर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के रोजगार पर पड़ेगा।
उक्त विचार राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग संघ में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सम्मेलन में वक्ताओं ने व्यक्त किए। खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीदास ने कहा कि आयोग के इस कदम से खादी इतिहास की वस्तु हो जाएगी। गांधी की खादी को आज भुला दिया गया है।देशकी प्रमाणित खादी संस्थाओं ने सहायता देने वाले पैटर्न ऑफ असिस्टेंस में मनमाने ढंग से बदलाव करने पर आंदोलन की रूपरेखा बनाने पर विचार किया गया। प्रारंभ में राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था संघ के अध्यक्ष इंदुभूषण गोयल ने स्वागत भाषण दिया। खादी मिशन के राष्ट्रीय सहसंयोजक जवाहरलाल सेठिया ने विषय के बारे में जानकारी प्रदान की। अतिथियों का स्वागत राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था संघ के मंत्री अनिल कुमार शर्मा ने किया।
इस अवसर पर पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश सहित अनेक प्रांतों के प्रतिनिधि मौजूद रहे । संचालन भगवती प्रसाद पारीख ने किया। आभार जवाहर सेठिया ने किया ।
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