जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
(की) काकी आयी , काकी आयी।
काकी आयी , बात चलाई।
(खी) मम्मी आयी , खीर बनाई।
(गी) चाची आयी , गीत गाई।
(घी) दादी आयी , घी खिलाई।
(ची) नानी आयी , चीनी लाई।
(छी) रानी आयी , छींक दी भाई।
(जी) मामी आयी , भाजी लाई।
(झी) रीना आयी , झींगा लाई।
(टी) बीवी आयी , टीवी लाई।
(ठी) रानी आयी , काठी लाई।
(डी) दीदी आयी , ककडी लाई।
(ढी) हाफ़िज कमीज़ ढीली लाई।
(णी) नागिन आयी नागमणी लाई।
(ती) भाभी लाई , तीन मिठाई।
(थी) दीदी अब तक कहाँ थी भाई।
(दी) दीपा आयी , दीप जलाई।
(धी) आंधी आयी , आंधी आयी।
(नी) आंधी आयी , पानी लाई।
(पी) बबिता आयी , पपीता लाई।
(फी) गीता आयी , फीता लाई।
(बी) नीता आयी , बीज जमाई।
(भी) भाभी आयी , भाभी आयीं।
(मी) भाभी आयी , मीना लाई।
(यी) करीना आयी, फिल्म दिखाई।
(री) रीना आयी , इल्म बताई।
(ली) सबीना आयी, लीला दिखाई।
(वी) लक्ष्मीबाई , वीरता दिखाई।
(शी) निशा आयी ,शीशा दिखाई।
(सी) सीता आयी , लीला दिखाई।
(ही) मीरा आयी , हीरा लाई।
(त्री) रात्री आयी , अंधियारा लाई।
लेखक : मांसी यादव, बी ए, (बी टी सी)
गुरु - विजय मेहंदी
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बहुत जरूरी सूचना :- रात को दुर्घटना से बचने के लिए अपनी गाड़ी को लो बीम में चलाएँ !
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