PCOD से पीड़ित महिलाएं अपनी डाइट में शामिल करें ये 3 देसी ड्रिंक्स तो जल्द मिलेगी राहत

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) आज पीसीओडी यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज महिलाओं को होने वाली एक आम समस्या बन गई है। जिसका प्रमुख कारण हार्मोन्स में असंतुलन होता है। पीसीओडी से पीड़ित महिला के हार्मोन्स में असंतुलन की वजह से ओवरी में छोटी-छोटी सिस्ट यानी गांठ बन जाती हैं। जिसकी वजह से महिलाओं के शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होने लगते हैं। ये सिस्ट पीरियड्स और प्रेग्नेंसी दोनों को डिस्टर्ब करने लगते हैं।


 
पीसीओडी का कारण :-

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी तक इस बीमारी का मुख्य कारण का पता नहीं चल पाया है। बावजूद इसके लाइफ में तेजी से बढ़ता स्ट्रेस, बदला हुआ लाइफस्टाइल, लेट नाइट जागना और दिन में देर तक सोना, स्मोकिंग और ड्रिकिंग,मोटापा या फिर वंशानुगत भी पीसीओडी के मुख्य कारण हो सकते हैं। जिसकी वजह से शरीर में हॉर्मोन्स का स्तर गड़बड़ा जाता है।

पीसीओडी से राहत देंगे ये 3 देसी ड्रिंक : -

जो महिलाएं पीसीओडी की समस्या से जूझ रही होती हैं, उन्हें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर आप भी इस लिस्ट में शामिल हैं तो पीसीओडी से नेचुरल तरीके से राहत पाने के लिए अपनी डाइट में ये 3 देसी ड्रिंक को जरूर शामिल करें। 

मेथी पानी : -

पीसीओडी की समस्या झेल रही महिलाएं इस मेथी वाटर को बनाने के लिए एक चौथाई छोटा चम्मच मेथी दाना, एक चौथाई छोटा चम्मच कलौंजी,एक चौथाई छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चौथाई छोटा चम्मच कॉफी पाउडर को उबलते हुए पानी में डालकर सिर्फ एक उबाल दें। इसके बाद इस पानी को छानकर पी लें। इस पेय को रोजाना सुबह खाली पेट एक महीने पीने से आपका वजन कम होने के साथ बैली फैट भी कम होता है।    

शतावरी वाटर : -

आयुर्वेद में शतावरी को महिलाओं के लिए वरदान माना गया है। शतावरी का पानी पीने से महिलाओं की प्रजनन अंगों से जुड़ी कई तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं। शतावरी में मौजूद करीब 50 तरह के कंपाउंड होते हैं जो रिप्रोडक्टिव सिस्टम को ठीक करते हैं। शतावरी के पानी को बनाने के लिए सबसे पहले शतावरी का पाउडर बनाकर रख लें। अब रोजाना सोने से पहले एक चम्मच शतावरी को पानी के साथ पिएं। 

मोरिंगा (सहजन) पानी : -

मोरिंगा ओलीफेरा एण्ड्रोजन को कम करने में मदद करता है जिससे पीसीओएस में फॉलिकुलोजेनेसिस की वृद्धि होती है। पीसीओडी को मैनेज करना है तो मोरिंगा पाउडर लेना शुरू कर दें। इसके लिए सुबह उठने के बाद या सोने से पहले एक गिलास पानी के साथ 1 चम्मच मोरिंगा पाउडर लें।

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