प्रदेश की पाठशालाओ में जन आधार प्रमाणीकरण के लिए शिक्षकों की माथापच्ची जारी

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) प्रदेश के समस्त राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सरकार द्वारा वितरित की गई निशुल्क यूनिफार्म के कपड़ों की सिलाई के लिए प्रति विद्यार्थी दिए जाने वाले 200 रुपए उनके बैंक खातों में जमा करवाने के उद्देश्य से शिक्षकों को उनके जन आधार अपडेशन के लिए विगत 2 माह से माथापच्ची करनी पड़ रही है । यह जन आधार ऑथेंटिकेशन व डीबीटी से भुगतान राज्य भर के शिक्षकों के लिए गले की फांस बना हुआ है तथा परीक्षाओं के सिर पर आ जाने के बावजूद भी शिक्षक अपने मूल कार्य शिक्षण को छोड़कर, जन आधार अपडेशन  के कार्य को शत-प्रतिशत करने के लिए में जी जान से जुटे हुए हैं । जबकि दूसरी ओर इस काम के लिए अभिभावकों का भी सहयोग नहीं मिल पा रहा है ।


हाल ही में प्रदेश की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने 13 फरवरी 2023 के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण के लिए आयोजित बैठक में 85% जनाधार प्रमाणीकरण एवं शत प्रतिशत डीबीटी बिलों का लक्ष्य जिलों को दिया है और जिन विद्यालयों की प्रगति 85% से कम है, ऐसे ही संस्था प्रधानों व शिक्षकों के विरुद्ध राज्य स्तर से सीसीए नियमों के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जो शिक्षकों, संस्था प्रधानों व शिक्षा अधिकारियों में भय उत्पन्न करने वाला फरमान है । वही इस प्रकार के आदेश से संपूर्ण शिक्षक वर्ग में आक्रोश भी व्याप्त हो रहा है ।शिक्षक नेता कैलाश सामोता रानीपुरा का कहना है कि विद्यार्थियों का आधार, जनआधार ऑथेंटिकेशन का कार्य शिक्षकों व विद्यालयों का नहीं है, और ना ही उनके परिजनों के जनाधार में बकाया बच्चों के नाम जुड़वाना, जुड़े हुए नामों में संशोधन करवाना तथा उनके बैंक खातों की त्रुटियों को दूर करवाना, कोई शिक्षकों का काम है । नोटिस देकर जबरन शिक्षकों, संस्था प्रधानों और शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस व सीसीए रूल्स की कार्रवाई करना अथवा उनको डराना, एक तुगलकी फरमान व अवैधानिक कार्यवाही है, जिसका संपूर्ण शिक्षक वर्ग मुखरता से विरोध हो रहा है । यूनिफॉर्म सिलाई का भुगतान का कार्य अन्य माध्यम से जैसे डीबीटी के स्थान पर प्रत्येक जिले के समग्र शिक्षा के माध्यम से बैंक खातों में सीबीईईओ तथा पीईईओ कार्यालयों के माध्यम से भी हो सकता है । ऐसा करने से न केवल सरकारी योजना का प्रत्येक विद्यार्थी को फायदा मिलेगा बल्कि विद्यालयों में शिक्षण अनुकूल माहौल भी बन पाएगा ।

शिक्षाविद कैलाश सामोता राजसमंद राजस्थान ने कहा कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों जैसे बीएलओ कार्य ड्यूटी, आधार जनाधार अपडेशन व ऑथेंटिकेशन, आदि से मुक्त रखा जाए ताकि विद्यालयों में शिक्षा अनुकूल वातावरण निर्मित हो सके ।

शिक्षक नेता  बाबूलाल ऐचरा कुंभलगढ ने बताया कि आधार एवं जन आधार ऑथेंटिकेशन में शिक्षा विभाग के कार्मिकों पुरजोर तरीके से प्रयासरत हैं लेकिन पंचायत राज विभाग की शिथिलता के कारण कार्य में शिथिलता आ रही है और उसका खामियाजा शिक्षा विभाग को भुगतना पड़ रहा है, जो गलत है।

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