समर्पण संस्था ने मनाया 76वा स्वतंत्रता दिवस

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) शैक्षिक अवसर की समानता के लिए शिक्षा के अधिकार को और विस्तार रूप देने की ज़रूरत है । इससे शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आया है । निर्धन व आर्थिक सम्पन्न विद्यार्थियों को समान शिक्षा मिले इसके लिए सरकार व सामाजिक संस्थाओं को निरन्तर काम करने की ज़रूरत है ।

उक्त विचार आज समर्पण संस्था द्वारा अपने कार्यालय श्री कल्याण नगर करतारपुरा में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह व विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि पूर्व प्रधान आयकर आयुक्त अनिल कुमार जैन ने व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि लड़के व लड़कियों की शिक्षा में असमानता अभी दूरदराज़ के क्षेत्रों में बहुत है इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को आगे आकर अपनी भूमिका निभानी होगी । इससे पूर्व संस्था कार्यालय के सामने मुख्य अतिथि अनिल कुमार जैन ने अन्य अतिथि व पदाधिकारियों के साथ ध्वजारोहण किया। तत्पश्चात विचार गोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ समर्पण प्रार्थना से की गई जिसे सुवज्ञा माल्या ने प्रस्तुत किया।

संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डॉ. दौलत राम माल्या ने अपने स्वागत भाषण में संस्था के सिद्धांत व कार्यक्रमों की विस्तृत व्याख्या करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर संस्था के विशिष्ट सदस्य रमेश कुमार बैरवा ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया । विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त कर्नल एस एस शेखावत ने कहा कि शिक्षा के दो भाग हैं पहली औपचारिक शिक्षा व दूसरी मानवीय गुणों की शिक्षा । औपचारिक शिक्षा तो सरकार दे रही है । लेकिन अच्छा इंसान बनने की शिक्षा कहीं अधिक महत्वपूर्ण है |

उन्होंने शिक्षा की समानता वह गुणवत्ता के लिए सरकार वह सामाजिक व्यक्तियों को निम्न आठ सुझाव दिए जिनको अपनाया जाये तो शिक्षा के क्षेत्र को और मज़बूत किया जा सकता है - 

1.शिक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार पर न छोड़कर व्यक्तियों को अपने ज्ञान, धन व परिश्रम से अपना योगदान देना चाहिए । 

2.सरकार राज्य व क्षेत्रीय स्तर पर कमेटियां गठित करके शिक्षा के बारे में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं से फीडबैक लें ।

3.क़स्बे स्तर पर संस्थाओं का विकास करें ।जो केवल शिक्षा पर केंद्रित हो । उनका यह प्रयास हो कि छोटे कस्बों के विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं व कोचिंग के लिए शहरों की तरफ़ भागना न पड़े ।

4.आज के यांत्रिक युग में क्षेत्रीय स्तर पर गुणशील शिक्षक नियुक्त कर ऑनलाइन शिक्षा में निपुणता बढ़ायें ।

5.प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने से पहले उनके स्टॉप की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी लें और समय समय पर उनका औचक निरीक्षण करें ।

6.शिक्षा के साथ खेलकूद के मापदंड भी सरकार मान्यता देने से पहले निर्धारित करें ।

7.नवोदय विद्यालय व अन्य श्रेष्ठ स्कूलों की शिक्षा प्रतियोगिता का आयोजन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा करवाये जाने चाहिए । साथ ही मेहनती शिक्षकों को सम्मान व प्रोत्साहन भी दे ।

8.शैक्षणिक संस्थाओं में भौतिक शिक्षा के साथ मानवीय शिक्षा देने का भी प्रावधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए । सही मायनों में मानवीय शिक्षा ही आदमी को इंसान बनाती है ।

विशिष्ट अतिथि टैक्स सलाहकार संघ के अध्यक्ष सीए शैलेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि हम देश को अपना योगदान दें । हम जिस भी कार्य क्षेत्र में है उसको पूरी तन्मयता ,कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी से करें । स्वतंत्रता हमारा व्यक्तिगत विषय भी है हम अपने मन से भी स्वतंत्र बने । विचार गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे पूर्व जिला व सेशन न्यायाधीश आर के आंकोदिया  ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपनी आय का कम से कम 5% समाज की भलाई के लिए ख़र्च करने का प्रयास करें । यह संदेश संविधान निर्माता डॉ.  भीमराव अम्बेडकर ने भी दिया था । उन्होंने कहा कि ‘संस्था भगवान महावीर के अपरिग्रह के भाव को समाज में स्थापित करने का प्रयास कर रही है ।जिसमें अपनी आवश्यकताओं को त्याग कर दूसरों की भलाई की भावना निहित है।

अन्त में संस्था के मुख्य सलाहकार व पूर्व जिला न्यायाधीश उदय चन्द बारूपाल ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया । बारुपाल ने विचार गोष्ठी के विषय पर संक्षिप्त विचार व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्राइवेट विश्वविद्यालयों पर पूरा नियंत्रण बनाना ज़रूरी है । यूजीसी की गाइडलाइन्स को पूरी तरह अपनाने के लिए प्रतिबद्धता ज़रूरी है । इसके लिए सरकार इन विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक व शैक्षणिक तंत्र को नियंत्रित करने के लिए एक अलग आयोग बनाये |

कार्यक्रम में रक्तदाता प्रेरको, एज्युकेशनल एम्बेसेडर व संस्था में नये जुड़े मुख्य संरक्षक व संरक्षक सदस्यों को सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया । गोष्ठी में संस्था सदस्यों के अलावा अनेक गणमान्य व समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों  ने प्रमुखता से भाग लिया। मंच संचालन आर्किटेक्ट अंजली माल्या व रूपल बारूपाल ने किया साथ ही कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। 


हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

" संस्कार सृजन " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |

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