किसानों की जमीन नीलामी रोकने के बिल पर सरकार-राज्यपाल आमने-सामने

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) किसानों की जमीनों की नीलामी रोकने के बिल पर राजस्थान सरकार और राजभवन आमने-सामने हो गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा तो राज्यपाल ने कहा कि रोडा एक्ट में संशोधन के सम्बन्ध में कोई विधेयक राजभवन नहीं आया है। यह सुनकर किसान प्रतिनिधि भी चौंक गए। राज्यपाल सचिवालय ने स्पष्ट किया कि रोडा एक्ट के संशोधन से संबंधित कोई भी विधेयक राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र के लेवल पर अप्रूवल के लिए नहीं आया है। राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि इस बारे में ज्ञापन देने आए प्रतिनिधि मंडल को भी बता दिया गया है।

CMO का पलटवार, संशोधन राजभवन में विचाराधीन

मुख्यमंत्री कार्यालय ने पलटवार करते हुए कहा कि राजभवन ने पत्रकारों को सूचित किया है कि कृषि भूमि नीलामी के संबंध में रोडा एक्ट में संशोधन का कोई विधेयक राजभवन नहीं आया है। सच यह है कि राजस्थान सरकार ने 2 नवम्बर 2020 को सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 60 (1)(b) में संशोधन किया था। जिससे 5 एकड़ जमीन पर किसान क्रेडिट कार्ड लोन लेने पर कुर्की और नीलामी पर रोक लग जाती, लेकिन यह बिल अभी तक राजभवन में विचाराधीन है।

शब्द जाल में गुमराह नहीं करें, साइन करें राज्यपाल

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के साथ किसान राज्यपाल का घेराव करने गए। सरकार ने किसानों की 5 एकड़ जमीन की नीलामी रोकने के लिए बिल एक साल पहले से राजभवन भेज रखा है। राज्यपाल उसे मंजूरी नहीं दे रहे। राज्यपाल किसानों के प्रतिनिधिमंडल से खुद नहीं मिले,बल्कि सेक्रेट्री से मिलवाया। यह बहुत शर्म की बात है कि राज्यपाल किसानों से नहीं मिलना चाहते। राज्यपाल के सेक्रेट्री ने कहा राज्यपाल के पास रोडा एक्ट नाम से बिल नहीं आया है। वो किसानों को शब्दों के जाल में फंसा रहे हैं। अगर एग्जेक्ट रोडा शब्द नहीं लिखा है तो क्या फर्क पड़ता है? राज्यपाल की जानकारी में है कि किसानों की जमीन नीलामी रोकने का बिल है। जो बिल राजस्थान सरकार ने विधानसभा में पास कर किसानों की 5 एकड़ से कम जमीन को नीलामी से रोकने का बिल भेजा। अक्षरों के जाल में किसानों को गुमराह कर जालसाजी नहीं करें। साइन करके गवर्नर बिल को वापस भेज दें, ताकि किसानो को राहत मिले।

हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

" संस्कार सृजन " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |

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