नेशनल डॉक्टर्स डे पर पीएम मोदी का संबोधन कही ये बातें

   जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ राम गोपाल सैनी

नई दिल्ली (संस्कार न्यूज़) नेशनल डॉक्टर्स डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को डॉक्टर्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाता है। कितने ही लोग ऐसे होंगे जिनका जीवन किसी संकट, बीमारी या दुर्घटना का शिकार हुआ होगा। कई बार ऐसा लगता है कि क्या हम किसी अपने को खो देंगे। हमारे डॉक्टर्स ऐसे मौके पर जीवन की दिशा बदल देते हैं। नया जीवन दे देते हैं।



प्रधानमंत्री के संबोधन की अहम बातें

1. कोरोना में डॉक्टर्स ने लाखों लोगों की जीवन बचाया

मोदी ने कहा कि आज जब देश कोरोना से इतनी बड़ी जंग लड़ रहा है तो डॉक्टर्स ने दिन-रात मेहनत कर लाखों लोगों का जीवन बचाया। ये पुण्य काम करते हुए देश के कई डॉक्टर्स ने अपना जीवन न्योछावर कर दिया। मैं जीवन आहूत करने वाले इन सभी डॉक्टर्स को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे डॉक्टर्स कोरोना प्रोटोकॉल बनवा रहे हैं। उन्हें लागू करने में मदद कर रहे हैं। ये वायरस नया है, इसमें नया म्यूटेशन हो रहा है। डॉक्टर्स की नॉलेज, एक्सपीरियंस इन चुनौतियों का मिलकर मुकाबला कर रहे हैं। इतने दशकों में जैसा मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर देश में तैयार हुआ था, उसकी सीमाएं आप जानते हैं। पहले कैसा मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर था। जनसंख्या का दबाव इन चुनौतियों को और कठिन बना देता है।

2. हमारी सरकार ने हेल्थकेयर पर सबसे ज्यादा जोर दिया

मोदी ने कहा कि जनसंख्या के लिहाज से संक्रमण और मृत्युदर देखें तो भारत की स्थिति बड़े देशों से बेहतर रही है। भारत ने कोरोना से लाखों का जीवन बचाया है। इसका श्रेय हमारे  डॉक्टर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स को जाता है। ये हमारी सरकार ही है, जिसने हेल्थकेयर पर सबसे ज्यादा बल दिया।

फर्स्ट वेव के दौरान हमने लगभग 15 हजार करोड़ रुपए हेल्थकेयर के लिए आवंटित किए थे। इस साल हेल्थ सेक्टर के लिए बजट 2 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक किया गया यानी दोगुने से भी ज्यादा। अब हम 50 हजार करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी स्कीम लेकर आए हैं। बच्चों के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भी 22 हजार करोड़ दिए हैं। 2014 में 6 एम्स थे, अब 15 नए एम्स का काम शुरू हुआ है। मेडिकल कॉलेज की संख्या भी डेढ़ गुना बढ़ी है।

3. डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए कानून में कई प्रावधान किए

डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए भी देश प्रतिबद्ध है। उनकी सुरक्षा के लिए भी कानून में कई प्रावधान किए गए। हम अपने कोविड वॉरियर्स के लिए फ्री इंश्योरेंस कवरेज स्कीम लेकर आए। जब आप सभी ने पहले फेज में वैक्सीन लगवा ली है तो उससे देश में वैक्सीन को लेकर उत्साह और विश्वास कई गुना बढ़ गया है। आप कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर का पालन करने को कहते हैं तो लोग मानते हैं। आप अपनी भूमिका को और अच्छी तरह निभाएं।

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4. योग को साइंटिफिक तरीके से आगे ले जाने की जरूरत

पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशंस से निपटने में योग किस तरह मदद कर रहा है। इस पर मेडिकल साइंस से जुड़े लोग भी काफी समय दे रहे हैं। आप मेडिकल साइंस से जुड़े स्पेशलिस्ट हैं। भारतीय को योग को समझना आसान होता है। जब आप योग की स्टडी करते हैं तो पूरी दुनिया इसे सीरियसली लेती है। क्या आईएमए इसे मिशन मोड में आगे बढ़ा सकती है।

योग को साइंटिफिक तरीके से आगे ले जा सकती है। योग पर स्टडी को इंटरनेशनल जर्नल्स में पब्लिश किया जाए और प्रचारित किया जाए। इससे दुनिया में डॉक्टर्स अपने पेशेंट को प्रोत्साहित कर सकेंगे।

5. साइंटिफिक स्टडी का आने वाली पीढ़ी को लाभ मिले

यह समय निश्चित करने का है कि आपके काम और साइंटिफिक स्टडी पर दुनिया ध्यान दे और आने वाली पीढ़ी को उसका लाभ मिले। वैक्सीन कैसे मदद कर रही है। किस तरह से अर्ली डाइग्नोसिस का लाभ मिल रहा है। इस पर स्टडी कर सकते हैं।

पिछली शताब्दी में आई महामारियों का डॉक्यूमेंटेशन ज्यादा नहीं है। आज हमारे पास तकनीक है। अगर हम इसका डॉक्यूमेंटेशन करते हैं तो ये भविष्य में पूरी जनता के लिए मददगार साबित होगा। आपकी सेवा और आपका तप सर्वे भवंतु सुखिन: के मंत्र को हासिल करेगा।


हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

" संस्कार न्यूज़ " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |

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