जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !
संस्कार न्यूज़ @ राम गोपाल सैनी
भोपाल (संस्कार न्यूज़) सम्पूर्ण म.प्र.में मानदेय बढ़ाने,शासकीय कर्मी घोषित कर नियमित करने आदि मांगों को लेकर आशा, ऊषा एवं आशा सहयोगिनी कार्यकर्ताए आन्दौलनरत हैं। आशा, ऊषाओं के काम बन्द आन्दौलन को म.प्र.इंटक ने समर्थन दिया है।
इंटक के प्रदेश अध्यक्ष आर. डी.त्रिपाठी की ओर से प्रेस नोट जारी किया जिसमे इंटक प्रदेश सचिव प्रवेश मिश्रा व रतलाम इंजीनियरिंग कामगार संघ के कार्यकारी अध्यक्ष व जिला इंटक रतलाम के पूर्व अध्यक्ष मनोज पांडे नें कहा कि कोरोना काल में अपनी जान की परवाह न करते हुये गाँव - गाँव जाकर कोरोना मरीजों को ढूँड़कर इलाज कराने एवं कई स्थानों पर विरोध एवं अभद्र व्यवहार का सामना करते हुये भी कोरोना वैक्सीन (टीका) लगवाने को जनता को प्रेरित करने वाली आशा, ऊषा, आशा सहयोगिनी बहनों को मिलने वाला मात्र 2000 रुपये मानदेय बढती मंहगाई में ऊँट के मुंह में जीरे से भी कम के समान समान है।
ये भी पढ़ें - कांग्रेस पार्टी ने किया बिजली के भारी भरकम बिल देने का विरोध
जबकि इनकी सेवाए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के समान हैं | लम्वे समय से इनसे कार्य लेना यह सिद्ध करता है कि स्वास्थ्य विभाग को इन पदों की आवश्यकता है। इसलिये सरकार को म.प्र.की लगभग 80 हजार आशा,ऊषा कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मी घोषित कर स्वास्थ विभाग में सम्मिलित कर नियमित कर्मचारी घोषित कर नियमित वेतनमान देना चाहिए ।
इंटक अध्यक्ष त्रिपाठी ने कहा कि म.प्र.के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आशा,ऊषा संगठन की अध्यक्ष व प्रतिनिधि मण्डल के साथ चर्चा कर समस्याओं का निराकरण करना चाहिये। म.प्र.इंटक प्रत्यक्ष रुप से आशा ऊषाओं के साथ है और उनके आन्दौलन का समर्थन करता है।उनका संगठन जहां याद करेगा हम उनके साथ खड़े होंगे। Report : OP Tripathi
हम किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |
" संस्कार न्यूज़ " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |
विडियो देखने के लिए -https://www.youtube.com/channel/UCDNuBdPbTqYEOA-jHQPqY0Q
अपने आसपास की खबरों , लेखों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें - 9214996258, 7014468512,9929701157
0 Comments