महामारी पर आयी चौंकाने वाली रिसर्च

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

हम सब मिलकर ऑक्सीजन,बेड,इंजेक्शन और वेंटीलेटर दिलाएं !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ राम गोपाल सैनी

नई दिल्ली (संस्कार न्यूज़) काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने एक रिसर्च पेपर जारी किया है, इनमें महामारी से जुड़े कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस रिसर्च के मुताबिक, AB और B ब्लड ग्रुप के लोगों को कोविड-19 से ज्यादा संभलकर रहने की जरूरत है। O ब्लड ग्रुप के लोगों पर इस बीमारी का सबसे कम असर हुआ है। इस ब्लड ग्रुप के ज्यादातर मरीज या तो एसिम्प्टोमैटिक हैं या फिर उनमें बेहद हल्के लक्षण देखे गए हैं।

सीरो पॉजिटिव सर्वे के डेटा के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें देश के 10 हजार लोगों से डेटा लिया गया है और इसका 140 डॉक्टर्स की टीम ने विश्लेषण किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहारी लोगों की तुलना में मांसाहारियों को कोरोनावायरस संक्रमण होने की आशंका ज्यादा है।

सर्वे पर 3 एक्सपर्ट कमेंट

1. इस सर्वे पर आगरा के पैथालॉजिस्ट डॉ. अशोक शर्मा ने कहा कि सब कुछ किसी व्यक्ति के जेनेटिक स्ट्रक्चर पर निर्भर करता है। जैसे थैलेसीमिया से पीड़ित व्यक्ति को शायद ही कभी मलेरिया होता हो। कई उदाहरण ऐसे भी हैं, जिनमें पूरे परिवार को संक्रमण हुआ पर उसी परिवार का एक व्यक्ति इससे बचा रहा। इसकी वजह जेनेटिक स्ट्रक्चर है।

2. डॉ. शर्मा कहा कि हो सकता है कि O ब्लड ग्रुप का इम्यून सिस्टम इस वायरस के खिलाफ AB और B ग्रुप वालों से ज्यादा मजबूत हो। हालांकि, अभी इस रिसर्च पर और स्टडी किए जाने की जरूरत है। लेकिन, इस रिसर्च के मायने ये नहीं है कि O ब्लड ग्रुप वालों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन छोड़ देना चाहिए। वो पूरी तरह इस वायरस से इम्यून नहीं हैं और उन्हें भी दिक्कत हो सकती है।

3. सीनियर फिजीशियन डॉ. एसके कालरा ने कहा कि ये केवल सैंपल सर्वे है। ये एक्सपर्ट द्वारा रिव्यू किए गए रिसर्च पेपर नहीं हैं। इसमें ये बात वैज्ञानिक आधार पर साफ नहीं हो रही है कि अलग ब्लडग्रुप वालों की संक्रमण दर अलग क्यों है। अभी O ब्लड ग्रुप और बेहतर इम्युनिटी को कनेक्ट करना जल्दबाजी होगी।

भारतीय वैक्सीन का ट्रायल अब बच्चों पर
सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही कनाडा और अमेरिका के बाद भारत में भी 2 से 18 साल के एज ग्रुप के लिए भी कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन तैयार हो जाएगी। न्यूज एजेंसी के मुताबिक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स कमेटी (SEC) ने मंगलवार को 2 से 18 साल उम्र वालों पर भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के सेकेंड और थर्ड ट्रायल की मंजूरी दे दी। यह ट्रायल AIIMS दिल्ली, AIIMS पटना और मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नागपुर में 525 विषयों पर किया जाएगा। सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स कमेटी ने मंगलवार को हैदराबाद में भारत बायोटेक के प्रस्ताव पर विचार किया।


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