आचार्य डॉ. नारायण शास्त्री कांकर संस्कृत-संवर्धन-परिषद द्वारा जयंती एवं विद्वत् सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

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संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) भारत में युवाओं के बीच भारतीय संस्कृति और संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जयपुर में राष्ट्रपति सम्मानित आचार्य डॉ. नारायण शास्त्री कांकर संस्कृत-संवर्धन-परिषद, जयपुर की ओर से लाल बहादुर शास्त्री पीजी महाविद्यालय में राष्ट्रपति-सम्मानित आचार्य म.म. पंडित नवल किशोर कांकर एवं राष्ट्रपति-सम्मानित आचार्य डॉ. नारायण शास्त्री कांकर डी.लिट्. की जयंती एवं विद्वत् सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।


महामंत्री इंदु शर्मा ने बताया कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर सरस्वती पूजन से हुई। स्वागत उद्बोधन स्वागताध्यक्ष लाल बहादुर शास्त्री पी जी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मुदित गुप्ता ने दिया। उन्होंने बताया शास्त्र से शास्त्री  बनने का सफर कितना मुश्किल होता है | इसके पश्चात महामंत्री इंदु शर्मा ने राष्ट्रपति सम्मानित आचार्य डॉ. नारायण शास्त्री कांकर संस्कृत-संवर्धन-परिषद, जयपुर का परिचय दिया एवं उसकी उत्पत्ति के बारे में बताया। 

आचार्य पंडित नवल किशोर कांकर ने विश्व उपयोगी वैदिक भाषा और वैदिक छंदों में अद्वितीय राष्ट्रवेद की रचना की।  इस जयंती एवं विद्वत् सम्मान समारोह में डॉ. श्रीकृष्ण शर्मा को राष्ट्रपति सम्मानित आचार्य पंडित नवल किशोर कांकर  स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया, जिसमें सम्मान स्वरूप श्रीफल, शाल, सम्मान पत्र  और राशि 11001/- प्रदान की गई। 

आचार्य डॉ. नारायण शास्त्री कांकर स्मृति सम्मान वैद्य गोपीनाथ पारीक 'गोपेश' को प्रदान किया गया जिसमें भी सम्मान स्वरूप श्रीफल, शाल, सम्मान पत्र  और राशि 11001/- प्रदान की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि \एस डी शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, देवस्थान प्रन्यास बोर्ड जयपुर रहे। उन्होंने संस्कृत के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि संस्कृत ने देश को बहुत कुछ दिया है। मंत्र एवं ज्ञान की सभी चीज संस्कृत से ही हैं। संस्कृत ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो कंप्यूटर में भी सर्वत्र मान पाती है उन्होंने बताया शोध से भी पता लगा है कि संस्कृत भाषा को उच्चारण से समझ सकते हैं और संस्कृत ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसके मंत्रों का प्रकृति में भी प्रभाव होता है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानेश्वर पुरी, विश्व गुरूदीप आश्रम शोध संस्थान, जयपुर ने की।  डॉ. शिवांगना शर्मा ने सम्मान पत्रों का वाचन किया। मंच संचालन डॉ. शिवचरण शर्मा ने किया। धन्यवाद अर्पण डॉ. विशाल गौत्तम ने किया।

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बहुत जरूरी सूचना :- 

1. रात को दुर्घटना से बचने के लिए अपनी गाड़ी को लो बीम में चलाएँ !

2. खुले कुओं और नलकूप को जल्द से जल्द बंद करवाएं !

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1. हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदो की सेवा कर सकते हैं | 

2. पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

3. जीवन में आप इस धरती पर अपने नाम का एक पेड़ जरूर लगाएँ |

4. बेजुबानों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था जरूर करें !

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