कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी व तुलसी विवाह का महत्त्व

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) हर साल कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि या द्वादशी तिथि में तुलसी विवाह का आयोजन कराया जाता है। कार्तिक मास तुलसी पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी या द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह कराया जाता है। इस दिन तुलसी माता का भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप से विधि-विधान से विवाह कराया जाता है। इस दिन से शादी-विवाह समेत सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जाती है।

इस साल 13 नवंबर 2024 को तुलसी विवाह है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति विधिवत तुलसी विवाह का आयोजन करता है, उसके वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। तुलसी विवाह के पूजन में कुछ चीजों को शामिल करना अनिवार्य माना गया है। मान्यता है कि इसके बिना पूजा का संपूर्ण फल नहीं मिलता है।अंतर्राष्ट्रीय भविष्यवक्ता पंडित रविन्द्राचार्य से जानिए  तुलसी विवाह का महत्व,सही तिथि और पूजा सामग्री की लिस्ट


तुलसी विवाह का महत्व

शास्त्रों में तुलसी विवाह के पीछे एक कथा प्रचलित है| तुलसी पहले वृंदा थी और उनका पति जालंधर एक वीर असुर था| चूंकि वृंदा पतिव्रता थी इसलिए उसे अपने पति की रक्षा करने का वरदान मिला था. वृंदा को मिले इस वरदान के चलते देवता जालंधर को मार नहीं पा रहे थे|तब देवताओं की गुहार पर भगवान विष्णु ने जालंधर का वध करने के लिए छल से वृंदा का पतिव्रत धर्म खंडित कर दिया| भगवान विष्णु ने छल से जालंधर का रूप धरा और वृंदा के पास गए, इस तरह वृंदा का पतिव्रत धर्म खंडित हो गया और जालंधर मारा गया| इससे वृंदा बुरी तरह आहत और क्रोधित हो गई| उसने क्रोध में आकर भगवान विष्णु को पत्थर का बन जाने का शाप दिया| भगवान विष्णु ने शाप को स्वीकार किया और वो शालिग्राम में बदल गए| शालिग्राम के इसी रूप की भक्त पूजा करते हैं| इसके बाद भगवान विष्णु वृंदा की सच्ची भक्ति को देखते हुए उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा और तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया| तब से आजतक हर साल भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम और तुलसी के पौधे की पूजा कराई जाती रही है|

तुलसी विवाह कब है?

कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को 12 नवंबर 2024 को 04:04 पीएम पर शुरू होगा और अगले दिन 13 नवंबर 2024 को 01:01 पीएम पर समाप्त होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 13 नवंबर 2024 को तुलसी विवाह मनाया जाएगा। तुलसी-शालिग्राम भगवान का विवाह प्रदोष काल में करवाना चाहिए।

तुलसी विवाह पूजन सामग्री लिस्ट : तुलसी विवाह के दिन पूजन के लिए तुलसी का पौधा,शालीग्राम भगवान,विष्णुजी की प्रतिमा या तस्वीर, पूजा की चौकी, लाल रंग का वस्त्र,कलश, केले का पत्ता, हल्दी की गांठ, चंदन, रोली, तिल,मौली,धूप,दीप, तुलसी माता के लिए श्रृंगार सामग्री(बिंदी, लाल चुनरी, सिंदूर, मेंहदी, बिछुआ, साड़ी इत्यादि),गन्ना, अनार, केला,सिघाड़ा, मूली, आंवला,आम का पत्ता, नारियल, अष्टदल कमल, शकरकंद, गंगाजल, सीताफल, अमरूद, कपूर,फल, फूल,बताशा, मिठाई इत्यादि चाहिए।

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