जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
उदयपुर (संस्कार सृजन) सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सुनीता मिश्रा ने एक प्रतिष्ठित समारोह में प्रख्यात लघु कलाकार चंद्रप्रकाश चित्तौड़ा की उल्लेखनीय उपलब्धियों को मान्यता दी। विश्वविद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम लघु कला के क्षेत्र में चित्तौड़ा के असाधारण योगदान का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया गया था| जिसका समापन इंडियन प्राउड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से प्रतिष्ठित हरियाणा की एक संस्था द्वारा "भारतीय अनमोल रत्न" प्रमाण पत्र और पदक प्रदान करने के साथ हुआ।
समारोह में विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार स्वेता पगड़िया| वित्त नियंत्रक सीमा यादव प्रोफेसर पी.एम. यादव सहित अन्य गणमान्य शिक्षाविद और अतिथिगण उपस्थित थे।कार्यक्रम के दौरान चित्तौड़ा ने प्रो.मिश्रा को पारंपरिक उपर्णा पहनाकर उनके प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त किया| जो सम्मान और प्रशंसा का प्रतीकात्मक संकेत है। अपने संबोधन में प्रो. मिश्रा ने चित्तौड़ा के समर्पण और दृढ़ता की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि उनके निरंतर प्रयासों और फोकस ने उन्हें इस प्रतिष्ठित मान्यता तक पहुंचाया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि चित्तौड़ा के काम को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिली है, बल्कि इसकी उत्कृष्टता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी सराहना की गई है।
प्रो. मिश्रा की प्रशंसा ने चित्तौड़ा के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कलाकृतियों के प्रभावशाली पोर्टफोलियो को रेखांकित किया| जिससे लघु कला के क्षेत्र में एक अग्रणी व्यक्ति के रूप में उनकी स्थिति की पुष्टि हुई। यह कार्यक्रम चित्तौड़ा के अपने शिल्प के प्रति समर्पण और कला जगत पर उनके महत्वपूर्ण प्रभाव का प्रमाण था।
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