जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !
संस्कार सृजन @ राम गोपाल सैनी
जयपुर (संस्कार सृजन) बीजेपी के तमाम विरोध और हो-हल्ला के बीच राजस्थान विधानसभा में राइट टू हेल्थ (स्वास्थ्य के अधिकार) बिल मंगलवार को पास हो गया। इसी के साथ राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बना, जहां राइट टू हेल्थ बिल पारित हुआ है। सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल इलाज से अब मना नहीं कर सकेंगे। यहां के हर व्यक्ति को इलाज की गारंटी मिलेगी।
इमरजेंसी की हालत में प्राइवेट हॉस्पिटल को भी फ्री इलाज करना होगा। प्राइवेट हॉस्पिटल में इमरजेंसी में फ्री इलाज के लिए अलग से फंड बनेगा। ऐसे मामलों में किसी भी तरह की हॉस्पिटल स्तर की लापरवाही के लिए जिला और राज्य स्तर पर प्राधिकरण बनेगा। इसमें सुनवाई होगी। दोषी पाए जाने पर 10 से 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया जा सकता है।
राइट टू हेल्थ का उल्लंघन करने और इलाज से मना करने पर 10 से 25 हजार तक का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। पहली बार उल्लंघन पर जुर्माना 10 हजार और इसके बाद 25 हजार तक होगा। राइट टू हेल्थ बिल की शिकायतें सुनने और अपील के लिए जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण और राज्य स्तर पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण बनेगा। प्राधिकरण में ही शिकायतें सुनी जाएंगी। बिल के उल्लंघन से जुड़े मामले में प्राधिकरण के फैसले को किसी सिविल कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
सदन में इस बिल पर बहस को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई। स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने डॉक्टर्स और कुछ बड़े हॉस्पिटल को लेकर हमला बोला। उन्होंने साफ कहा- प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान किसी की मौत हो जाती है तो बिल लेने के बाद ही डेडबॉडी दी जाती है। कई बार लाखों का बिल होता है। गरीब आदमी कहां से लाखों रुपए लाएगा?
मीणा ने कहा- जनता ने हमें चुन कर भेजा है। हमें जनता का पक्ष लेना चाहिए। मेरी किसी से कोई लाग-लपेट नहीं है। मुझे ध्यान है। जयपुर में कई नामी और बड़े हॉस्पिटल इलाज के नाम पर किस तरह चीटिंग करते हैं। यह बिल पास होने के बाद हम उन पर भी कार्रवाई करेंगे। बिल सबकी सहमति से सिलेक्ट कमेटी को भेजा था। सबकी सहमति से सिलेक्ट कमेटी ने रिपोर्ट बनाई है।
स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा बोले- भगवान राम को भी इमरजेंसी आई थी। जब लक्ष्मण को शक्ति लगी थी। दुश्मन रावण के वैद्य ने आकर इलाज किया था। यह होता है डॉक्टर का धर्म। राइट टू हेल्थ बिल पर बहस का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा- डॉक्टर अपने धर्म को भूल गए हैं। डॉक्टर अपने धर्म का पालन नहीं कर रहे, बिल को वापस लेने पर अड़ गए थे। हम डॉक्टर्स से मिले थे। डॉक्टर्स केवल एक ही बात पर अड़े हुए थे कि हम तो बिल को वापस लेने से कम पर नहीं मानेंगे। यह कहां तक न्याय संगत है? यह तो हाउस का अपमान हो गया।
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इमरजेंसी नंबर :- पुलिस कंट्रोल रूम- 100, चौमूं थाना - 01423-221009, डीसीपी पूर्व- 0141-2203400, एसीपी चौमूं -01423-221456, गोविंदगढ़ थाना-01423-230023, डीएसपी गोविंदगढ़-01423-230905, जयपुर ग्रामीण एसपी-0141-2206869, एंबुलेंस-108, सीएचसी चौमूं -01423-221424, सीएचसी गोविंदगढ़ - 01423-230077, सीएचसी सामोद-01423-240105, बिजली हेल्पलाइन-6376917467, एक्स ईएन चौमूं-01423-220069
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