विश्व शांति दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन

गौ माता को लम्पी वायरस से बचाएँ!

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

सुबह की शुरुआत माता-पिता के चरण स्पर्श से करें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

लाडनूं (संस्कार सृजन) अन्तर्राष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर यहां जैन विश्वभारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग के तत्त्वावधान में सेमिनार हाॅल में विश्वशांति दिवस कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपखण्ड अधिकारी अनिल कुमार गढ़वाल ने मानवता, भ्रातृत्व-भाव व प्रेम को शांति का प्रमुख सूत्र बताते हुए जीवन में मानवीयता व इंसानियत को महत्त्व देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास के नकारात्मक वातारण को समाप्त कर ही हम शांति को स्थापित कर सकते हैं।

कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि वर्तमान दौर में संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयासों के बावजूद सम्पूर्ण पृथ्वी पर अशांति का वातावरण व्याप्त है एवं अशांति की आशंकाएं निरन्तर बनी हुई हैं। उन्होंने अशांति के कारणों पर चर्चा करते हुए कहा कि संघर्ष, सत्ता की लालसा, योग्यतम बनने की चाह के साथ व्यवस्थागत, धार्मिक एवं जातिगत संघर्ष आदि इसके मूल कारण हैं। प्रो. दूगड़ ने शांति की अवधारणा प्रस्तुत करते हुए शांति के स्थायित्व हेतु एकाकी जीवन के बजाय अनेकान्त की व्यापकता को जरूरी बताया। प्रो. दूगड़ ने कहा कि आज सबसे अधिक आवश्यकता है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने वैयक्तिक प्रयासों के प्रति भी सजग बने, इससे ही समुदाय, धर्म, प्रकृति आदि के बीच शांति स्थापित हो सकेगी।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि शहर काजी मोहम्मद मदनी अशरफी ने साम्प्रदायिक सौहार्द एवं विश्वशांति के सन्दर्भ में अपने विचार रखे। संस्थान के विशेषाधिकारी प्रो. नलिन के. शास्त्री ने भगवान महावीर, आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ के शांति अवदानों को मानवता के लिए वरदान बताते हुए संस्थान अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण की अहिंसा-यात्रा को शांति के प्रयासों में एक विशिष्ट प्रयोग बताया। छात्रा हेमकंवर ने कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारम्भ छात्रा कल्पना सोनी व निशा पारीक द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से किया गया। इससे पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. रविन्द्रसिंह राठौड़ ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। अतिथियों का स्वागत प्रो. बी.एल. जैन, प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी, डाॅ. बलवीर सिंह आदि ने किया। 

इस अवसर पर अणुवच्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद, व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील पीपलवा, रमेश गौड़ सहित नगर के गणमान्यजन, समस्त संकाय सदस्य एवं छात्राएं उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन अहिंसा एवं शांति विभाग की सहायक आचार्या डाॅ. लिपि जैन ने किया एवं अंत में आभार ज्ञापन डाॅ. बलवीर सिंह ने किया।

रिपोर्ट :- जगदीश यायावर 

हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

" संस्कार सृजन " गौ रक्षकों को दिल से धन्यवाद देता है |

विडियो देखने के लिए -https://www.youtube.com/channel/UCDNuBdPbTqYEOA-jHQPqY0Q 

अपने आसपास की खबरों , लेखों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें - 9214996258, 7014468512,9929701157.

इमरजेंसी नंबर :- पुलिस कंट्रोल रूम- 100, चौमूं थाना - 01423-221009, डीसीपी पूर्व- 0141-2203400, एसीपी चौमूं -01423-221456, गोविंदगढ़ थाना-01423-230023, डीएसपी गोविंदगढ़-01423-230905, जयपुर ग्रामीण एसपी-0141-2206869, एंबुलेंस-108, सीएचसी चौमूं -01423-221424, सीएचसी गोविंदगढ़ - 01423-230077, सीएचसी सामोद-01423-240105, बिजली हेल्पलाइन-6376917467, एक्स ईएन चौमूं-01423-220069, एईएन प्रथम-01423-220006, एईएन द्वितीय-01423-220013, निगम सामोद-01423-240004

Post a Comment

0 Comments