कोरोना की दूसरी डोज नहीं लगवाने वालों को नहीं मिलेगा ये फायदा

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार सृजन राम गोपाल सैनी

जयपुर (संस्कार सृजन) राजस्थान में कोरोना के बढ़ते केसों और लोगों की लापरवाही को देखते हुए सरकार अब सख्ती करने के मूड में है। जिन्होंने कोरोना की पहली डोज के बाद दूसरी डोज नहीं लगवाई, उन पर सरकार सख्ती कर सकती है। चिकित्सा मंत्री बनने के बाद पदभार संभालते समय मंत्री परसादी लाल मीणा ने इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि लोग जल्द से जल्द वैक्सीन की दोनों डोज समय पर लगवा लें। वरना हम इसे अनिवार्य कर देंगे। किसी न किसी सरकारी योजना से जोड़ देंगे या सरकारी योजनाओं का फायदा रोक देंगे।

सचिवालय में कामकाज संभालने के बाद मीणा ने कहा कि इस महामारी में हजारों लोगों की जान चली गई। अब भी लोग अगर लापरवाही बरतेंगे तो यह ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि पहली डोज लेकर दूसरी डोज लेने वालों का गैप काफी बढ़ गया है। जिन लोगों के पहली डोज लग गई। दूसरी डोज का टाइम निकल गया, उन लोगों के घरों पर टीम भेजकर वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाएंगे। इसके लिए सभी सीएमएचओ और स्वास्थ्य अधिकारियों को टाइम बाउंड प्रोग्राम तैयार करके देंगे, ताकि लोगों का समय पर वैक्सीनेशन पूरा हो सके। अगर इसके बाद भी लोग वैक्सीन नहीं लगवाते तो हम प्रयास करेंगे कि इस वैक्सीनेशन को सभी के लिए अनिवार्य कर दें। किसी न किसी योजना से जोड़ दें।

हॉस्टल पर पाबंदी के लिए कलेक्टर को देंगे निर्देश
जयपुर के निजी स्कूल के हॉस्टल में मंगलवार को 12 बच्चे पॉजिटिव मिलने के मामले पर चिकित्सा मंत्री बोले कि स्कूलों को लेकर कोई परेशानी नहीं है। जो परेशानी है, वह हॉस्टल को लेकर है। हम सभी जिला कलेक्टर, एसडीएम को निर्देश देंगे कि वे सभी हॉस्टल की जांच करें कि वहां कैसी व्यवस्था है। बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए रह रहे है या नहीं? इसकी जांच के बाद ही कलेक्टर और एसडीएम हॉस्टल चलाने की एनओसी दें। इसके लिए हम शिक्षा विभाग को भी पत्र लिखकर निवेदन करेंगे। क्योंकि वर्तमान में स्कूलों को लेकर कोई शिकायत नहीं है, केवल हॉस्टल की ही शिकायत है।


हॉस्टल में मिले मामले की जांच करवाने के निर्देश

मीणा ने बताया कि जयपुर के अजमेर रोड पर जिस स्कूल के हॉस्टल में यह 12 बच्चे पॉजिटिव मिले है, उसकी जांच करवाई है। जांच में बच्चे कहां से आए, उनकी आरटीपीसीआर जांच हुई या नहीं? वे यहां कैसे पॉजिटिव हुए? जांच में अगर कोई लापरवाही मिलती है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। 


हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें |

" संस्कार सृजन " कोरोना योद्धाओं को दिल से धन्यवाद देता है |

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