खींचतान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू बने पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष

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संस्कार न्यूज़ राम गोपाल सैनी

चंडीगढ़ (संस्कार न्यूज़) पंजाब कांग्रेस में खींचतान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश प्रधान बनाने की घोषणा कर दी गई है। चार कार्यकारी अध्‍यक्ष भी बनाए गए हैं। कार्यकारी अध्‍यक्ष संगत सिंह गिलजान, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा होंगे। कांग्रेस हाईकमान की ओर से अभी थोड़ी देर पहले इसकी घोषण की गई है।

इससे पहले दिन में नवजोत सिद्धू कांग्रेस के विधायकों व नेताओं के साथ मुलाकात कर अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे रहे। इसके साथ ही नवजोत सिद्धू के लिए अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद कमान संभाल ली थी। सोनिया गांधी ने कांग्रेस के सांसद व नेताओं को फोन किया था। इसके बाद सिद्धू का विरोध कर रहे नेताओं के सुर नरम पड़ गए थे। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने भी सिद्धू के मामले में आलाकमान के फैसले को मनाने की बात कही थी।

सोनिया ने सांसदों व नेताओं से की खुद बातचीत

इससे पहले पार्टी अध्यक्ष के फोन आने के बाद सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष बनाने का विरोध कर रहे सांसदों व नेताओं के सुर भी नरम पड़ने गए थे। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान और यूथ कांग्रेस के प्रधान ने सोमवार को बैठक बुला ली है। बताया जाता है कि इसमें प्रस्ताव पारित सिद्धू की नियुक्ति का स्‍वागत किया जाएगा।

दूसरी ओर समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, राज्‍यसभा सदस्‍य प्रताप सिंह बाजवा ने नई दिल्‍ली में कहा था कि हम पार्टी हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे। स‍ोनिया गांधी से मुलाकात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू मुझसे शिष्‍टाचार के नाते मिलने आए थे। मैंने उनको कोई सलाह नहीं दी।

दूसरी ओर, कांग्रेस में ताकत दिखाने का क्रम रविवार सुबह से ही शुरू हो गया। नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के विधायकों व नेताओं से मिलने के लिए निकल पड़े। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने कांग्रेस के सांसदों की बैठक की। इस बैठक की पृष्ठ भूमि शनिवार रात ही तय हो गई थी। जब बाजवा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की थी। इस बैठक में सांसद परनीत कौर, मनीष तिवारी, चौधर संतोख सिंह, गुरजीत औजला, जसबीर डिंपा, रवनीत बिट्टू मो. सदीप और बाजवा व शमशेर सिंह दूलो मौजूद थे।

वहीं, कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस के सांसदों को फोन किया। जानकारी के अनुसार शमशेर सिंह दूलो ने सोनिया गांधी से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब में जातिय संतुलन को बैठाना आवश्यक है। अगर वह जट को प्रदेश प्रधान बनाना चाहती हैं तो मुख्यमंत्री दलित होना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री को जट रखना है तो प्रदेश प्रधान की कमान दलित को दी जाए। जानकारी के अनुसार सोनिया गांधी ने बाकी के सांसदों से भी बातचीत की।

प्रदेश कांग्रेस और यूथ कांग्रेस ने बुलाई गई बैठक

वहीं, सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद ही जाखड़ ने सभी विधायकों की बैठक बुला ली। कमोवेश इसी तर्ज पर यूथ कांग्रेस की भी बैठक होनी है। प्रदेश प्रधान को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने विधायकों व कांग्रेस के टिकट पर लड़े उम्मीदवारों व जिला प्रधानों की सोमवार को बैठक बुला ली है। कमोंवेश इसी तर्ज पर यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रधान बरिंदर ढिल्लों ने यूथ कांग्रेस समेत समूचे यूथ की टीम की बैठक बुला ली है।

सुनील जाखड़ हमेशा ही कैप्टन अमरिंदर सिंह के गुड बुक में रहे है। हालांकि पिछले दो महीने से वह कैप्टन से दूर होते दिखाई दिए। कैप्टन ने भी जो हिंदू नेताओं को लेकर बैठक बुलाई थी, तब जाखड़ को उसमें नहीं बुलाया गया था। हालांकि इसके बावजूद जाखड़ ने सोमवार को साढ़े तीन बजे पार्टी दफ्तर में बैठक बुलाई है। जबकि बरिंदर ढिल्लों कैप्टन के काफी करीबी माने जाते हैं।

खैहरा समेत 10 विधायक खुल कर उतरने कैप्टन के समर्थन में

भुलत्थ के विधायक व हाल ही में पुनः कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने वाले सुखपाल सिंह खैहरा समेत 10 विधायक कैप्टन के समर्थन में खुल कर आ गए। इन विधायकों ने एक संयुक्त बयान जारी कर रहा है कि प्रदेश कांग्रेस का चयन करना पार्टी हाईकमान का विशेषाधिकार होता है लेकिन पिछले कुछ समय में जो दोषारोपण व घटनाक्रम चल रहा है उससे पार्टी का ग्राफ नीचे गया है। साथ ही विधायकों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान उनके सुझावों का संज्ञान लेगा और पार्टी के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय कैप्टन अमरिंदर सिंह की स्थिति, योगदान और पृष्ठभूमि को ध्यान में रखेगा।

कैप्टन का समर्थन करने वाले खैहरा, हरमिंदर सिंह गिल, फतेहजंग बाजवा, गुरप्रीत सिंह जीपी, कुलदीप सिंह वैद्य, बलविंदर सिंह लाडी, संतोख सिंह, भलाईपुर,जोगिंदर पाल, जगदेव सिंह कमालू और पिरमल सिंह खालसा ने कहा कि चूंकि चुनाव में केवल छह महीने बचे हैं, इसलिए पार्टी को अलग-अलग दिशाओं में खींचने से 2022 के चुनावों में उसकी संभावनाओं को नुकसान ही होगा। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह की इस मांग का भी समर्थन किया कि नवजोत सिंह सिद्धू जिन्होंने उनके और सरकार के खिलाफ कई ट्वीट किए थे, उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, ताकि पार्टी और सरकार मिलकर काम कर सकें।

विधायकों ने नवजोत सिंह सिद्धू को सावधानी बरतने की सलाह दी। इन विधायकों ने कहा कि वह एक सेलिब्रिटी है और निस्संदेह पार्टी के लिए एक संपत्ति भी लेकिन सार्वजनिक रूप से अपनी ही पार्टी और सरकार की निंदा और आलोचना करने से केवल कैडर में दरार पैदा हुई है और इसे कमजोर कर दिया है।


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